पीपल पर कच्चा सूत लपेटकर महिलाएं करेंगी आज दशा माता पूजन

Ujjain News: गृह दशा सुधारने और सुख-समृद्धि की कामना से गुरुवार को महिलाएं दशा माता की पूजा करेंगी।

गृह दशा सुधारने और सुख-समृद्धि की कामना से गुरुवार को महिलाएं दशा माता की पूजा करेंगी। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि पर दशा माता के पूजन की परंपरा है।

 

वर्षभर में आते हैं चार मुहूर्त

वर्षभर में दशा माता के पूजन के चार मुहूर्त निकलते हैं। हर चार माह में पूजा के विधान है। यह संवत्सर पक्ष का अंतिम पक्षकाल है, इसमें ही दशा माता की पूजा का विधान है। इस दिन पीपल का पूजन भी किया जाता है। नल-दमयंती की कथा सुनने से गृह दशा सुधरने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

 

ये है दशा माता पूजन का विधान

शास्त्रों में दशमाता व्रत और पूजा का विधान है। दशमाता व्रत और पूजन से मनुष्य की विपरीत दशा भी अनुकूल हो जाती है। दशमाता व्रत चैत्र कृष्ण दशमी को किया जाता है। इस बार दशमाता व्रत पूजा तथा व्रत 1९ माच को है। चैत्र कृष्ण की दशमी के दिन महिलाएं दशामाता का व्रत करती हैं।

 

पीपल के फेरे लेकर लपेटेंगी कच्चा सूत

दशमाता व्रत मुख्यरूप से घर की दशा ठीक होने के लिए किया जाता है। इस दिन महिलाएं कच्चे सूत का डोरा लाकर डोरे की कहानी कहती हैं। दस बार पीपल की परिक्रमा करते हुए उस पर सूत लपेटती हैं और डोरे में 10 गांठ लगाकर गले में बांधकर रखती हैं। इसलिए जो भक्त चैत्र कृष्ण दशमी तिथि को दशामाता का व्रत और पूजन करते हैं, उनकी दरिद्रता घर से दूर चली जाती है।

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