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पुलवामा आतंकी हमले के बाद शहीदों को जैन संतों की श्रद्धांजलि
मंगल प्रवेश पर बजे देशभक्ति गीत जवानों की शहादत को किया नमन
जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर जान देने की रुत रोज आती नहीं … जैसे देश भक्ति के गीत जैन संतों के मंगल प्रवेश पर निकले चल समारोह के दौरान जुलूस में बज रहे थे।
संतों का कहना था कि पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर हुए आतंकी हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरुप यह निर्णय लिया गया।कार्तिक मेला ग्राउण्ड में श्री अवंती पाश्र्वनाथ तीर्थ प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित हो रहा है।
इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिये आचार्य विश्वरत्न सागरजी का मंगल प्रवेश शुक्रवार सुबह 8.30 बजे दौलतगंज स्थित कांच के जैन मंदिर से हुआ। यहां से मंगल प्रवेश जुलूस प्रारंभ हुआ। चल समारोह में सबसे आगे बैण्ड चल रहा था जिसमें देश भक्ति के गीत बजाये जा रहे थे।
सामान्य तौर पर किसी भी समाज के धार्मिक चल समारोह में भक्ति गीत, भजन आदि गाये जाते हैं। जैन संतों ने बताया पुलवामा में आतंकी हमले में हमारे देश के 44 जवान शहीद हुए हैं। हम भारत के वीर सपूतों को देशभक्ति गीतों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
उठावने में शहीदों को श्रद्धांजलि
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमले में ४४ जवानों के शहीद होने पर जहां देशभर में गुस्सा है। वहीं उन्हें श्रद्धांजलि देने का दौर भी जारी है। शहर में एक उठावने में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। दरअसल जैन समाज के सुनील गादिया परिवार में उनकी माताजी का निधन हो गया था।
इस पर नमकमंडी स्थित महावीर भवन में आज उठावना था। इस दौरान उपस्थित समाजजनों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए णमोकार मंत्र का ९ बार पाठ कर २ मिनट का मौन धारण किया।