प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी में फैली गंदगी

उज्जैन। प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी में जगह-जगह गंदगी पड़ी हुई है। इसे देखकर ऐसा लगता है मानो यहां कई दिनों से साफ-सफाई नहीं हुई हो। जबकि मंडी समिति ने १ वर्ष के लिए मडी की साफ-सफाई का ठेका नगर निगम को दे रखा है। जिसके लिए मंडी समिति नगर निगम को हर माह ३ लाख रुपए की राशि अदा करती है। इसके साथ ही मंडी समिति ने अपने कई कर्मचारियों की भी तैनाती साफ-सफाई के लिए कर रखी है। लेकिन मंडी समिति के जिम्मेदार लोगों को मंडी की साफ-सफाई की परवाह नहीं है। लापरवाही की हद तो तब हो गई जब रविवार को करणी सेना की सभा को बीते दो दिन हो चुके हैं। रेली में आए लोगों के पानी पीने के लिए करणी सेना समिति ने हजारों पानी के पाउच की व्यवस्था की थी जो पूरी मंडी परिसर के अंदर पिछले दो दिनों से पड़े हुए हैं।

मंडी में गंदगी से व्यापारी तो परेशानी हंै साथ ही सबसे ज्यादा मंडी में आने वाले किसानों को परेशानी है। व्यापारी बातते हैं कि मंडी के रखरखाव से लेकर विकास कार्यों के लिए मंडी समिति भी बनाई गई है। जिसके जिम्मेदारों को अपनी राजनीतिक छवि चमकाने से फुर्सत ही नहीं मिलती। उन जिम्मेदारों को सिर्फ विकास कार्यों का शुभारंभ करना पसंद है।

उनके लिए मंडी की साफ-सफाई महत्वपूर्ण नहीं है। यह इसलिए प्रतीत हो रहा है, क्योंकि जब करणी सेना को सभा के लिए मंडी में इजाजद दी गई तो बाद में उसकी साफ-सफाई तो मंडी समिति को ही करवाना थी। लेकिन सभा को दो दिन बीते चुके है लेकिन आज भी पूरे मंडी परिसर में गंदगी पड़ी हुई है। जिसको साफ कराने का समय मंडी समिति के जिम्मेदारों के पास नहीं है और पूरे मंडी परिसर में गंदगी पड़ी हुई हंै।

नगर निगम पर ढोली जिम्मेदारी
हमारे 7 सफाई कर्मचारी मंडी में कार्यरत हैं, नगर निगम के 20 कर्मचारी भी सफाई करते हैं लेकिन नगर निगम कर्मचारी ठीक से काम नहीं करते इस कारण गंदगी व्याप्त है और इस समस्या से हम भी परेशान हैं।

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