फोन मिला नहीं, फायर ब्रिगेड कैसे दौड़े …..

एक माह पहले दे चुके आवेदन, मुख्य स्टेशन से भेजना पड़ रही सब स्टेशन पर सूचना, खुलने के बाद से एक बार उपयोग भी हो चुका

उज्जैन. नए शहर में फायर ब्रिगेड की सुविधा जल्द मिले, इसके लिए आनन-फानन में नया सबस्टेशन तो शुरू कर दिया गया लेकिन अब तक इसे अपना संपर्क नंबर नहीं मिल सका है। नतीजतन अब भी नए शहर के क्षेत्र में आग लगने की घटना होने पर मुख्य फायर ब्रिगेड स्टेशन पर ही फोन लगाना पड़ता है। फिर वहां से सब स्टेशन तक सूचना पहुंचाई जा रही है। अतिआवश्यक सेवा के केंद पर ही फोन नंबर नहीं मिलने की यह स्थिति तब है जब इसके लिए करीब एक महीने पहले आवेदन दिया जा चुका है।
नगर निगम ने आगर रोड मुख्य फायर स्टेशन के अलावा मक्सी रोड बस डिपो पर फायर सब-स्टेशन प्रारंभ किया है। इससे मक्सीरोड व आसपास के क्षेत्र को बड़ी सुविधा मिली है। सब-स्टेशन को ३१ दिसंबर २०१९ से प्रारंभ भी कर दिया गया है लेकिन अभी तक इसका संपर्क नंबर निर्धारित नहीं हो पाया है। निगम की ओर से करीब एक महीने पहले ही फोन नंबर के लिए आवेदन दिया जा चुका है। बावजूद अब भी मुख्य स्टेशन के नंबर से ही काम चलाना पड़ रहा है। बता दें, सब-स्टेशन शुरू हुए १४ दिन हो गए हैं और इस दौरान मक्सीरोड क्षेत्र में आग लगने की एक घटना भी हो चुकी है।

 

मक्सीरोड व देवासरोड को मिली सुविधा

सब स्टेशन से नए शहर के कई क्षेत्रों को बड़ी सुविधा मिली है। नए शहर में आग की घटना होने पर फायर फाइटर को आगर रोड से आना पड़ता था और कई बार ट्रैफिक की समस्या के कारण अनावश्यक देरी भी होती थी। सब-स्टेशन शुरू होने से समय की बचत होगी। इसके जरिए मक्सी रोड की कॉलोनियां, उद्योगपुरी, नागझिरी, देवासरोड व आसपास के क्षेत्र कवर किए जाएंगे। यदि इन क्षेत्रों में आग लगने संबंधित घटना होती है तो उसे काबू करने के लिए सब-स्टेशन से ही फायर फाइटर भेजा जाएगा। सब-स्टेशन पर आधुनिक फोम फायर टेंडर वाहन रखा गया है वहीं तीन शिफ्ट में १२ लोगों को तैनात किया है।

 

मोबाइल से दी सूचना

10 जनवरी दोपहर करीब ३ बजे चकोर पार्क के नजदीक दोने-पत्तल के एक कारखाने में आग लग गई थी। नजदीक ही सब-स्टेशन होने के बावजूद संपर्क नंबर नहीं होने के कारण मुख्य स्टेशन पर इसकी सूचना देना पड़ी थी। मुख्य स्टेशन पर घटना व स्थल की जानकारी ली व रजिस्टर में नोट की गई। इसके बाद मुख्य स्टेशन के कर्मचारी ने सब-स्टेशन के कर्मचारी को उसके निजी मोबाइल पर फोन कर घटना व स्थल की जानकारी दी। इसके बाद सब-स्टेशन से फायर फाइटर घटना स्थल पर पहुंचाकर आग पर काबू पाया गया। यदि सब-स्टेशन का संपर्क नंबर होता तो समय की बचत होती।

सब-स्टेशन की शुरुआत कर दी गई है। सब स्टेशन प्रारंभ होने से पहले ही इसके फोन नंबर के लिए आवेदन दिया जा चुका है। जल्द ही फोन सुविधा शुरू होने की उम्मीद है।
अजय सिंह राजपूत, फायर ऑफिसर

Leave a Comment