- भस्म आरती: दिव्य रजत मुकुट और चंदन अर्पित करके किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए बड़ा कदम, हटाए गए 257 मकान; महाकाल लोक के लिए सवा दो हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
शहर में निकाला शांति मार्च, महाकाल को सौंपा ज्ञापन…
उज्जैन | सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसटी एससी एक्ट में किए बदलाव के समर्थन में मंगलवार को शहर में शांति मार्च निकाला गया। यह मार्च सवर्ण, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज के लोगों द्वारा निकाला गया। लोगों ने अपने प्रतिष्ठान दोपहर तक बंद रखे और आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने की मांग को दोहराया। गोपाल मंदिर से निकला मार्च महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा, जहां सभी लोगों ने बाबा महाकाल को ज्ञापन सौंपा। इधर शहर में 12 बजे तक अधिकांश दुकानें, प्रतिष्ठान व कारोबार बंद रहे।
क्या है मामला
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन से जुड़े फैसले का विरोध भीम सेना व अन्य संगठनों ने २ अप्रैल को भारत बंद कर किया। इस दौरान देशभर में कई स्थानों पर हिंसा हुई और जान-माल का नुकसान हुआ। इसके बाद सामान्य और ओबीसी से जुड़े संगठनों के नाम पर १० अप्रैल को भारत बंद की घोषणा हुई थी। बंद का उद्देश्य आरक्षण के साथ एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग का विरोध करना है। उज्जैन में कोई भी प्रमुख संगठन बंद के लिए सामने नहीं आया, लेकिन समानता आंदोलन संघर्ष समिति व सवर्ण, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग समाज और कुछ व्यापारी संगठन ने स्वैच्छा से बंद की अपील की। साथ ही कुछ लोगों ने बंद का समर्थन भी कर दिया। शहर में सवर्ण पिछड़ा अल्पसंख्यक वर्ग समाज की तरफ से सुबह १० बजे गोपाल मंदिर से महाकाल तक शांति मार्च निकाला गया। साथ ही बाबा महाकाल को ज्ञापन सौंपा गया।
सपाक्स ने झाड़ा पल्ला
सपाक्स के संरक्षक हीरालाल द्विवेदी की तरफ से एक संदेश संगठन के पदाधिकारियों को दिया गया है कि बंद से संगठन का कोई लेना देना नहीं है। किसी भी प्रकार की गतिविधि में हिस्सा नहीं लें। संगठन के लोग दो दिन रुककर देखें। इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने सभी से सोशल साइट्स पर भी किसी भी प्रकार का संदेश देने से मना किया है।
पुलिस-प्रशासन ने रखी चौकसी
शांति व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट रहा। कलेक्टर संकेत भोंडवे व एसपी सचिन अतुलकर ने पुलिस कंट्रोल रूम में एक दिन पहले इसको लेकर बैठक की थी। इसमें विभिन्न धर्म, समाज व संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। चौराहों पर पुलिस बल तैनात था, तो कई स्थानों पर पुलिस की गाडिय़ां दौड़ती नजर आई।
स्कूल-कॉलेज व अन्य सेवा सुचारू
शहर में स्कूल, कॉलेज व आवश्यक सेवा बंद से प्रभावित नहीं हुई। बंद के समर्थन में जो संगठन सामने आए हैं। उन्होंने जबरिया बंद से इनकार किया। प्रशासन की तरफ से स्कूल, कॉलेज बंद करने के संबंध में कोई आदेश नहीं जारी किया। हालांकि पुलिस की तरफ से अलर्ट जारी किया गया था, ताकि एकाएक कुछ लोग बंद के समर्थन में उतर जाएं तो सुरक्षा व्यवस्था बिगड़े नहीं। बंद के समर्थन में कुछ युवा व छात्र संगठन भी सामने आए हैं। इन संगठनों ने भी शांतिपूर्वक बंद का आह्वान किया है, वहीं जिले में धारा १४४ प्रभावी है।