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बच्चे बताएगे जादू नहीं है,यह विज्ञान हैं
उज्जैन | समाज में व्याप्त अंधविश्वास को बच्चों के माध्यम से दूर करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग की ओर से जादू नहीं, विज्ञान है। समझना, समझाना आसान है, थीम पर कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इसके लिए जिले के विज्ञान शिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके बाद अब 14 से 16 नवंबर इस थीम पर स्कूलों में प्रयोग कराकर विज्ञान के माध्यम से अंधविश्वास को दूर किया जाएगा। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अतिरिक्त परियोजना समन्वयक गिरीश तिवारी ने बताया कि जादू कोई चमत्कार नहीं विज्ञान की ही करामात है। चमत्कार के नाम पर जो कुछ भी है वह सब विज्ञान की देन है। कतिपय लोग खुद को अवतार बताने वाला करतब को दिखाकर उसे चमत्कार का नाम देकर भोले-भाले लोगों को लूटते हैं। वह विज्ञान के बिना संभव ही नहीं है। जादू कोई टोना-टोटका नहीं है। वह न तो हाथ की सफाई है और न ही आंखों का धोखा। यह सारा खेल दिमाग की चतुराई का है। जादू, टोना-टोटका करने वाले के हाथ दर्शकों की नजरों और दिमाग से कहीं अधिक ज्यादा तेजी से काम करते हैं, जिसे लोग अच्छी तरह समझ नहीं पाते और सब कुछ जादू सा लगता है। नींबू से खून निकलना जादू नहीं विज्ञान है। पानी से आग लगना जादू नहीं विज्ञान है। इसी तरह की ओर भी गतिविधियों से लोगों को अवगत कराने और अंधविश्वास को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जादू नहीं, विज्ञान है। समझना, समझाना आसान हैं कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इसी क्रम में जिले के शिक्षकों की कार्यशाला का आयोजन किया गया।
विज्ञान के 172 शिक्षकों ने हिस्सा लिया
शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जालसेवा उमा विद्यालय में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिले के 172विज्ञान शिक्षकों की उपस्थिति में विज्ञान के २० से अधिक प्रयोग प्रदर्शित कर प्रशिक्षण दिया गया। अब यह शिक्षक अपनी शाला में 14 से 16 नवंबर के मध्य बच्चों से विज्ञान के प्रयोग कराएंगे। श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 2 बच्चे प्रशिक्षित शिक्षक सहित विकासखंड की प्रतियोगिता शमिल होंगे। कार्यशाला में प्रशिक्षण कोर्स डायरेक्टर प्राचार्य विभा शर्मा, मास्टर ट्रेनर अनामिका दुबे, ज्योति तिवारी, राजेश राठौर, अद्विता श्रीवास्तव, आनन्द मुराव ने दिया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी रमा नाहटे, सहायक संचालक अभय तोमर उपस्थित थे।