बसों को करना पड़ा यात्रियों का इंतजार ..नानाखेड़ा से 4 तो देवास गेट से 6 बसें ही चली

10 मिनट में फुल होकर रवाना होने वाली गाडिय़ों को करना पड़ा 2-2 घंटे तक स्टैंड पर इंतजार

उज्जैन। लॉकडाउन के पहले शहर से 400 बसें रोजाना अलग अलग शहरों के लिए चल रही थी। जो पिछले 50 दिनों तक खड़ी रही, लेकिन आज अनलॉक में अनुमति मिलने के बाद शहर में कुल 10 बसें ही चली। बाकी शेष बसें सवारी नहीं मिलने का कारण नहीं चल पाई।

स्थिति यह है कि 10 मिनिट में फूल होकर रवाना होने वाली बस 2-2 घण्टे तक सवारियों का इंतजार करती रही है। आज अनलॉक के पहले दिन सवारी की कमी के कारण इंदौर रूट की 4 बसें तो आगर रोड पर 2, शाजापुर रोड पर 2, देवास रोड पर 2 बसे ही चल पाई। इधर बस संचालकों का कहना हैं कि शहर में हर रोज करीब 400 बसें चलती है, हर साल इन बसों का इश्योरेंस रिन्यू कराना पड़ता है। इस बार भी लॉकडाउन के 50 दिनों के इश्योरेंस में राहत मिल सके, इसके लिए सोमवार को आरटीओ और बीमा कंपनियों को ज्ञापन दिया गया, लेकिन अभी तक न इंश्योरेंस कंपनी ने राहत दी और न ही परिवहन विभाग ने राहत दी । वहीं सवारी नहीं मिलने के कारण डीजल और स्टाफ का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है।

100 बसें हैं लेकिन आज 4 ही चली

बस कंडक्टर पिंटू अंसारी ने बताया उज्जैन से इंदौर रुट पर रोजाना 100 बसें आती जाती है, लेकिन आज 4 बसे ही स्टैंड पर आई। सुबह 7 बजे से खड़े है, लेकिन 2 घण्टे में भी 40 सीटर बस रवाना नहीं हो सकी। आगामी 10 दिनों तक हालात ऐसे ही रहेंगे लगता है।

देवास गेट से करीब 300 बसें चलती है

देवास गेट स्टैंड से राजकुमार झंझोट बताते है अनलॉक में अनुमति के बाद आज आगर रोड पर 2, मक्सी रोड पर 2 तो नागदा रोड पर 2 बसें ही चल पाई। इन बसों में भी गिनती की सवारी ही मिली हैं, जबकि लॉक डाउन के पहले यहां से करीब 300 बसें रोजाना चल रही थी।

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