बहादुरगंज में अब तक मिले 12 मरीज, कम्यूनिटी संक्रमण की जांच की दरकार

मृतक के घर गए रिश्तेदार की भी हो गई मौत, लोगों का आरोप स्वाब के नमूने लेने में कतरा रहा स्वास्थ्य विभाग

उज्जैन।शहर में आयसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली) द्वारा एक टीम भेजी जा रही है। यह टीम जिले में कम्यूनिटी संक्रमण का पता लगाएगी। इस टीम के आने से पूर्व ही यदि जिला प्रशासन कम्यूनिटी संक्रमण की जांच के लिए एक टीम बहादुरगंज भेज दे तो सही स्थिति का आंकलन शीघ्र हो सकता है। यहां रेंडम सेंपल से नहीं, घर-घर जाकर सेंपल लेना होगा, वरना इससे सटी सघन बस्तियों का भी चपेट में आने का अंदेशा है।

कम्यूनिटी संक्रमण की परिभाषा डॉक्टर्स अपने हिसाब से दे रहे हैं। जहां बात छिपानी हो, वहां अलग और जहां जांच में तथ्य सामने आ जाए, वहां अलग। हालात यह है कि बहादुरगंज क्षेत्र में कोरोना के एक दर्जन मामले निकल चुके, क्षेत्र को चारों ओर से सील भी किया गया, कुछ लोग ठीक होकर भी आ गए और कुछ संक्रमितों का उपचार चल रहा है। बावजूद इसके यहां के लोगों का आरोप है कि लोगों के स्वाब के नमूने लेने में स्वास्थ्य विभाग कतरा रहा है। केवल घरों पर जाकर सर्दी-बुखार-खांसी का पूछने से काम नहीं चलेगा।

‘ब्राह्मण गली में एक परिवार की महिला की मृत्यु के बाद लिए गए स्वाब के नमूने में रिपोर्ट पॉजीटिव आई। महिला के बेटे एवं पोते की रिपोर्ट बाद में पॉजीटिव आई। इस परिवार में रिश्तेदार अंतिम यात्रा में और बाद में शोक व्यक्त करने पहुंचे। उस वक्त तक किसी को पता नहीं था कि रिपोर्ट पॉजीटिव आएगी। इधर अंतिम यात्रा में एवं शोक व्यक्त करने गए एक व्यक्ति की दो दिन पूर्व आरडी गार्डी हॉस्पिटल में मौत हो गई। गिनती के परिजन अंतिम दर्शन करने मेडिकल कॉलेज पहुंच सके। शव को रेपर में सील किया और बगैर घर लाए सीधे चक्रतीर्थ भेज दिया गया। रिश्तेदारों, परिजनों में आक्रोश रहा। मौके पर डॉक्टर्स ने कहा कोरोना संदिग्ध है, इसलिए ऐसा ही करना पड़ेगा। परिजनों का आरोप है की न तो उक्त व्यक्ति को मर्ग कायम कर कोतवाली थाने भेजा और न ही अन्य कानूनी कार्रवाई की गई।

मृतक के एक भांजे के अनुसार वे करीब 20 दिन से सर्दी-बुखार से पीडि़त थे। नए शहर के एक अस्पताल में उनका बेटा काम करता है, वहां उन्हें उपचार के लिए भर्ती कराया गया। दो-तीन दिन बाद तबियत ठीक लगने पर घर ले आए और घर पर ही उपचार चल रहा था। दो दिन पूर्व जब अचानक सुबह के समय श्वास लेने में तकलीफ हुई तो परिजन आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। यहां उपचार के दौरान मौत हो गई। चिकित्सकों ने स्वाब के नमूने जांच हेतु लिए थे। परिजनों को अभी होम क्वारेंटाइन कर दिया है। परिजनों का दावा है कि कोरोना ही निकलेगा, क्योंकि लक्षण ऐसे ही थे। पड़ोसियों का आरोप है कि हम बहादुरगंज क्षेत्र में ही रहते हैं। हमारे घर आज तक कोई सर्वे करने नहीं आया। आया होता तो डॉक्टर्स की टीम पहुंचती। इस संबंध में एक अन्य रिश्तेदार का आरोप है कि उनके पूरे क्षेत्र में एक दर्जन कोरोना पॉजीटिव आए हैं। ऐसे में इस पूरे क्षेत्र में हर घर में जाकर बीमार ढूंढना पड़ेंगे और रेेंडम सेंपल की जगह 200-300 नमूने एक साथ लेने होंगे।

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