बारिश थमी, मुसीबत नहीं:किनारे पर गाद, हवा में नाव…सफाई के दौरान करंट फैला

एक ही दिन में हुई करीब 7 इंच बारिश और शिप्रा नदी में पानी बढ़ने के कारण किनारों पर मिट्टी व गाद जम गई। सोमवार को भले मौसम खुला रहा लेकिन कई जगह मुसीबतें बढ़ गई। रामघाट पर शिप्रा नदी में आई बाढ़ का पानी उतरने के बाद चारों तरफ गाद थी। बैरिकेड्स बहकर चारों तरफ गिर गए थे। उनके बीच जलकुंभी फंसी पड़ी थी।
बोटिंग कराने वाली नाव घाट पर अधूरे पड़े एक निर्माण के सरियों पर जाकर लटक गई थी। दो दिन पहले बाढ़ में बहा पीएचई का टैंकर अभी तक नहीं मिला है। मौसम विभाग ने मंगलवार को उज्जैन जिले में तेज हवा चलने और हल्की बारिश होने का ही पूर्वानुमान लगाया है। शहर में अभी तक 689 मिमी बारिश हो चुकी है।
गंभीर डेम के गेट बंद, लेवल 2183 एमसीएफटी
सोमवार दोपहर 2 बजे गंभीर डेम में 2183 एमसीएफटी पानी आने पर गेट बंद कर दिए। डेम की क्षमता 2250 एमसीएफटी है। अधिकारियों का कहना है कि डेम में पानी की आवक बनी हुई है। लेवल ज्यादा बढ़ता है तो फिर गेट खोले जा सकते हैं। शहर में अब रोज जलप्रदाय होगा।
रामघाट पर करंट फैलने से सूअर और श्वान की मौत :
दो दिन की बारिश से शिप्रा के रामघाट सहित अन्य घाटों पर काफी गाद जम गई और गंदगी फैल गई थी। सोमवार सुबह नगर निगम की टीम रामघाट पर सफाई कर रही थी। इसी दौरान करंट फैलने से यहां एक श्वान और सूअर की मौत हो गई।
तत्काल टीम ने बिजली कंपनी को सूचना दी और उन्होंने आकर सप्लाई काटी। उसके बाद सफाई की जाना शुरू की गई। इधर इस बीच नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल ने रामघाट सहित आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया और घाटों पर जमी गाद की जल्द से जल्द सफाई करने के निर्देश दिए। यह भी कहा कि जरूरत पड़े तो और भी अमला बढ़ा लिया जाए।