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बार कोड पढ़ने में मशीनें बेअसर, विक्रम विश्वविद्यालय के 68 हजार से अधिक विद्यार्थियों का रिजल्ट अटका
विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण उज्जैन सहित संभाग के सात जिलों के 68 हजार से अधिक विद्यार्थियों का रिजल्ट अटक गया है। परीक्षाओं में प्रयोग की गई बार कोड वाली कॉपियों के कारण यह स्थिति बनी। बार कोड को समझने में अब मशीनें भी बेअसर हो गई हैं। इसके कारण वार्षिक प्रणाली के 10 में से 8 मुख्य परीक्षाओं के रिजल्ट अब तक तैयार नहीं हो सके हैं।
विश्वविद्यालय में वार्षिक प्रणाली के अंतर्गत बीए, बीकॉम, बीएससी, बीएचएससी आैर बीबीए के प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में पूरी हो चुकी हैं लेकिन इनमें से केवल बीकॉम द्वितीय वर्ष आैर बीबीए द्वितीय वर्ष के परिणाम ही अब तक घोषित हो सके हैं। इन परीक्षाओं में बार कोड वाली कॉपियों का इस्तेमाल किया गया था। बार कोड को स्कैन करके मशीनरी भाषा के जरिये कोड किया जाना है लेकिन अधूरी तैयारियों के साथ शुरू हुए बार कोड सिस्टम को अब मशीनें भी ठीक से समझ नहीं पा रही है। इसकी वजह यह है कि अधिकांश कॉपियों में बार कोड की प्रिंटिंग स्पष्ट नहीं है। इसके कारण स्कैनिंग के बाद भी मशीनें संबंधित विद्यार्थी के डाटा को कोड नहीं कर पा रही। विश्वविद्यालय प्रशासन भी परीक्षा होने के चार महीने बाद तक लापरवाह बना रहा। जबकि अगला सत्र शुरू हुए भी करीब दो महीने बीत चुके हैं। विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, रतलाम, मंदसौर आैर नीमच जिलों के 68599 विद्यार्थी रिजल्ट जारी नहीं होने से परेशान हैं।
रिजल्ट तैयार करने वाली फर्म को बीच सत्र में बदला
विश्वविद्यालय में रिजल्ट प्रोसेसिंग का काम करने वाली फर्म को भी बीच सत्र में बदल दिया गया। पहले नागपुर की इमर्ज सर्विसेस के पास रिजल्ट तैयार करने का काम था। इसी फर्म के कार्यकाल के दौरान बार कोड वाली कॉपियों का प्रयोग शुरू किया गया। अब विश्वविद्यालय ने दिल्ली की इमेजिन इंडिया सॉल्यूशन को रिजल्ट तैयार करने का काम दे दिया है। वार्षिक प्रणाली के रिजल्ट दिल्ली की फर्म ही तैयार करवा रही है लेकिन इस फर्म के एक्सपर्ट आैर कर्मचारियों को भी बार कोड आसानी से समझ नहीं आ रहा। यही कारण है कि अब गोपनीय विभाग में बार कोड वाली खराब प्रिंटिंग की कॉपियों को विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, अधिकारी व कर्मचारी मिलकर मोबाइल से तस्वीरें लेकर स्कैनिंग करवा रहे हैं।
न तो पूरक परीक्षाएं समय पर होगी, न अगले वर्ष की पढ़ाई
सोशल मीडिया पर विद्यार्थी कर रहे मैसेज वायरल
सोशल मीडिया पर भी विद्यार्थियों के बीच रिजल्ट घोषित नहीं होने को लेकर मैसेज वायरल हो रहे हैं। एक फिल्म के सीन को एडिट करके विद्यार्थियों ने यह तक लिख दिया विक्रम विवि में एडमिशन नहीं लेना था, अब रिजल्ट का इंतजार करो।
हम युद्ध स्तर पर रिजल्ट घोषित करने में जुटे हैं
सीधी बात
हम युद्ध स्तर पर रिजल्ट घोषित करने के काम में जुटे हुए हैं।
बार कोड की प्रिंटिंग को रीड करने में परेशानी आ रही है। एक्सपर्ट की भी मदद ले रहे हैं।
पूर्व की फर्म का टेंडर समाप्त हो चुका था। आचार संहिता के बाद टेंडर में कम दर पर नई फर्म को काम दिया।
अभी कोई दावा नहीं कर सकते। जल्द रिजल्ट घोषित किए जाएंगे।
डॉ. बालकृष्ण शर्मा, कुलपति