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बीमार बच्चों को घर बैठे मिल सकेगा नि:शुल्क उपचार
उज्जैन :- बीमार बच्चों को घर बैठे इलाज मिल सकेगा। स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला घर-घर जाकर उनका हाल जानेगा। बीमार पाए गए बच्चों का इलाज करेगा। गंभीर बीमार बच्चों को चिन्हित किया जाकर अस्पताल भेजा जाएगा। जहां नि:शुल्क इलाज दिया जाएगा। कुपोषित बच्चा पाया जाने पर उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा।
जिले में 15 जून से दस्तक अभियान चलाया जाएगा। जिसमें स्वास्थ्य विभाग का अमला घर-घर जाकर बच्चों का चैकअप करेगा। इसके लिए जिले में अलग-अलग दल बनाए जाएंगे। यदि कोई बच्चा या गर्भवती महिला टीके से वंचित रह गए हैं तो उन्हें टीके लगवाए जाएंगे। बच्चा किसी बीमारी से ग्रसित पाया जाता है तो उसे उपचार दिया जाएगा। गंभीर स्थिति पाई जाने पर उसे स्थानीय अस्पताल या जिला अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। अमला बीमार बच्चों की रिपोर्ट तैयार करेगा। जिसमें कमजोर, कुपोषित व गंभीर कुपोषित बच्चों को अलग-अलग श्रेणी में रखा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान एक माह तक चलेगा। जिसमें बच्चों की जांच व उपचार दिया जाएगा। किसी घर में कोई बच्चा बीमार तो नहीं यह पता लगाया जाएगा। घर पर ही उपचार संभव है तो उसे वहीं इलाज दिया जाएगा। भर्ती करने की जरूरत है तो उसे अस्पताल रैफर किया जाएगा। गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा।
प्रतिदिन रिपोर्ट भेजना होगी
स्वास्थ्य अमला सीएमएचओ कार्यालय में प्रतिदिन बीमार बच्चों की रिपोर्ट भेजेगा। यह रिपोर्ट ऑनलाइन भोपाल अपलोड की जाएगी। इससे यह पता चल सकेगा कि जिले में वर्तमान में किस बीमार से ज्यादा बच्चे ग्रसित हैं। उसके इलाज की व्यवस्था की जाएगी।
इन बीमारियों में मिल सकेगा इलाज
बुखार, उल्टी-दस्त, एनीमिक, सर्दी-खांसी, पीलिया आदि बीमारियों में बच्चों को इलाज मिल सकेगा।
ज्यादा बीमार बच्चों को भेजेंगे अस्पताल
*दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य अमला घर-घर जाकर बीमार बच्चों का पता लगाएगा। उन्हें उपचार देगा। ज्यादा बीमार बच्चों को अस्पताल भेजा जाएगा। डॉ. व्हीके गुप्ता, सीएमएचओ