मंदिर में लगाएंगे बोर्ड… केवल रसीद कटाएं, अलग से दक्षिणा ना दें

उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश बंद रहने के समय दो श्रद्घालु को 1500 रुपए की लघुरूद्र की रसीद पर भीतर प्रवेश दिया जाता है। शिकायत मिल रही है कि पुरोहित रसीद के अलावा दर्शनार्थियों से 1500 रुपए की दक्षिणा भी ले रहे हैं। इसे देखते हुए मंदिर समिति अब परिसर में सूचना बोर्ड लगाने जा रही है। इस पर लिखा होगा कि गर्भगृह में प्रवेश के लिए केवल 1500 रुपए की रसीद कटाएं। पंडित को अलग से दक्षिणा ना दें। क्योंकि 1500 रुपए की रसीद में पंडितों की दक्षिणा भी शामिल है।

मंदिर में कई सोलाधारी पुलिस चौकी गेट के आसपास घूमते रहते हैं। गर्भगृह में प्रवेश बंद रहने के दौरान वे बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को गर्भगृह में ले जाकर दर्शन कराने की बात कहते हैं। इसके लिए 1500 रुपए की शासकीय रसीद कटाने के अलावा 1500 रुपए दक्षिणा ली जाती है। ऐसे में दो श्रद्घालुओं को गर्भगृह में जाने के लिए 3000 रुपए चुकाना पड़ रहे हैं। जबकि मंदिर प्रशासन 1500 रुपए के लघुरूद्र की रसीद में से पुरोहितों को बतौर हिस्सा 75 फीसद राशि देता है। अगर पंडित श्रद्घालुओं से दक्षिणा के रूप में अतिरिक्त राशि ना लें तो भी उन्हें प्रत्येक रसीद पर 1125 रुपए मिलते हैं। बावजूद पुरोहित दर्शनार्थियों से दक्षिणा के नाम पर अतिरिक्त 1500 रुपए वसूल रहे हैं। इस पर रोक लगाने के लिए मंदिर प्रशासन सख्त कदम उठाने जा रहा है। शुरुआत दर्शनार्थियों को जानकारी उपलब्ध कराने से की जाएगी।

कुछ समय पहले तक मंदिर के प्रोटोकॉल कार्यालय पर श्रद्घालुओं को 1500 रुपए की रसीद कटाने की सुविधा दी जा रही थी। कार्यालय में मौजूद कर्मचारी 1500 रुपए की रसीद काटकर दर्शनार्थियों को गर्भगृह से दर्शन करा रहे थे। जब से अफसरों ने प्रोटोकॉल की सफेद पर्ची पर रोक लगाई है, कार्यालय में 1500 की रसीद काटना भी बंद कर दिया गया है। बताया जाता है इससे समिति को प्रतिदिन करीब 50 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। इधर, पंडित दर्शनार्थियों से बेजा वसूली भी कर रहे हैं। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए मंदिर प्रशासन को प्रोटोकॉल कार्यालय से रसीद काटने की सुविधा शुरू करना चाहिए।

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