- भस्म आरती: दिव्य रजत मुकुट और चंदन अर्पित करके किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए बड़ा कदम, हटाए गए 257 मकान; महाकाल लोक के लिए सवा दो हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
मंदिर में व्यवस्था से नाराज होकर नहीं किया भगवान का जलाभिषेक
उज्जैन। श्रावण मास लगते ही बाबा महाकाल की नगरी शिवमय हो गई है, महाकालेश्वर सहित शहर के सभी शिव मंदिरों में सुबह से भक्तों का तांता लग रहा है। शिव भक्ति में लीन इंजीनियरिंग व पोलिटेक्निक कॉलेजों के प्रोफेसर भोले के रूप में कावडिय़ों के साथ महाकाल का अभिषेक करने मंदिर पहुंचे। वहीं दूसरी ओर दर्शन व्यवस्था से नाराज कावडिय़ों का जत्था शिप्रा का जल लेकर ओंकारेश्वर के लिये रवाना हो गया।
श्री महारूद्र महाकालेश्वर भक्त मंडल बनाकर इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलीटेक्निक कॉलेज के 30 से अधिक प्रोफेसरों का जत्था शिप्रा नदी का जल लेकर महाकालेश्वर का अभिषेक करने पहुंचा। विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग पढ़ाने-सिखाने वाले प्रोफेसर भोले की भक्ति में ऐसे लगे कि एक प्रोफेसर ने भगवान शंकर का रूप भी धारण कर लिया।
हाथ में त्रिशूल व डमरू लेकर भोले के भजन पर थिरकते हुए प्रोफेसर शिप्रा नदी का जल लेकर महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और भगवान का अभिषेक किया। कांवड़ उठाये प्रो. रवि वाघमारे ने चर्चा में बताया कि दोनों कॉलेजों के प्रोफेसरों ने पहली बार यह आयोजन किया है। प्रो. वाघमरे का कहना था कि लोग दूर-दूर से कांवड़ उठाकर भगवान का अभिषेक करने उज्जैन आते हैं तो हम भी इस धार्मिक परंपरा का निर्वहन कर धर्म लाभ उठाएं इसी कामना से मंदिर पहुंचे हैं।
30 वर्ष में पहली बार नहीं चढ़ाया जल
राजकुमार चतलाग्या निवासी इंदौर अपने 50 भक्तों व साथियों के साथ महाकालेश्वर में जलाभिषेक न करते हुए शिप्रा नदी का जल लेकर ओंकारेश्वर के लिये रवाना हुए। गुरू राजकुमार के शिष्य कमलेश पंडित निवासी इंदौर ने बताया कि 30 वर्षों से कांवड़ में नर्मदाजी का जल लेकर उज्जैन आते थे और भगवान का जलाभिषेक करते थे, लेकिन इस बार व्यवस्था बदल दिये जाने के कारण शिप्रा का जल लेकर ओंकारेश्वर जा रहे हैं। वहां ओंकारेश्वर व ममलेश्वर का अभिषेक करेंगे। गुरू चितलाग्या के साथ पीलीभीत, कलकत्ता, नैनीताल सहित देश के विभिन्न शहरों के भक्त शामिल थे जिन्होंने महाकालेश्वर का अभिषेक नहीं किया।
…इधर मंदिर में एक और श्रद्धालु की चेन चोरी
श्रावण मास प्रारंभ होते ही चोरों की गैंग मंदिर परिसर व आसपास सक्रिय हो चुकी थी। सुबह 6 बजे मंदिर परिसर के स्वप्नेश्वर महादेव में एक महिला की 50 ग्राम वजनी सोने की चैन चोरी हुई और शाम को एक व्यक्ति की वीआईपी गेट पर सोने की चैन चोरी हो गई। महाकाल थाना प्रभारी राकेश मोदी ने बताया जिस व्यक्ति की चैन चोरी हुई उसने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।