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मदिरापान करने वाले बाबा कालभैरव ने किया भ्रमण
उज्जैन | महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव जो दिनभर में कई लीटर शराब पी जाते हैं। डोल ग्यारस पर उन्होंने भैरवगढ़ क्षेत्र का भ्रमण किया, तो प्रजावासी जयकारे लगाने लगे। राजसी ठाठ के साथ सिंधिया स्टेट के आभूषण और पगड़ी धारण कर वे चांदी की पालकी में विराजमान थे, भक्त नाचते-झूमते हुए उनके आगे चल रहे थे। केंद्रीय जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बाबा की आरती उतारी। इसके बाद वहां मौजूद कैदियों ने अपने आराध्य देव के दर्शन किए।
ढोल-ताशे और झांझ-डमरू बजाते भक्तों की टोली
भगवान महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव ने राजसी पगड़ी और आभूषण धारण कर लाव-लश्कर के साथ क्षेत्र में भ्रमण किया। ढोल-ताशे और झांझ-डमरू बजाते भक्तों की टोली के साथ आकर्षक झांकियां भी निकाली गई। सेंट्रल जेल भैरवगढ़ के मुख्य द्वार पालकी पहुंची तो पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। जेल के बंदियों ने बाबा कालभैरव के दर्शन किए। जयकारों के साथ पालकी सिद्धवट पहुंची, जहां आरती-पूजन की गई।
रिमझिम बारिश के बीच भक्तों की आस्था परवान चढ़ी
सोमवार को डोल ग्यारस के मौके पर परंपरानुसार बाबा कालभैरव पालकी में विराजमान हो क्षेत्रवासियों का हाल जानने निकले। रिमझिम बारिश के बीच भक्तों की आस्था परवान चढ़ी हुई थी। बाबा को सिंधिया स्टेट की पगड़ी, राजसी वस्त्र, आभूषण धारण करवाकर पालकी में विराजित किया गया। पुजारी धर्मेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया बाबा कालभैरव का दिनभर अभिषेक-पूजन चलता रहा। सिंधिया रियासत कालीन आभूषण, चंवर, पगड़ी, जरीदार वस्त्र, मालाएं धारण कराई गईं। कालभैरव मंदिर को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया। आकर्षक विद्युत सज्जा की गई। अपराह्न 4 बजे विधि-विधान से पूजन कर बाबा पालकी में सवार होकर भ्रमण पर निकले। भूतभावन भगवान महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव की सवारी में झांकियां, बैंडबाजे, घोड़े, बग्घी, किन्नर आदि शामिल थे।
जेल अधीक्षक ने की पूजा-आरती
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के बाहर जेल अधीक्षक अलका सोनकर व अन्य अधिकारी मौजूद थे। पालकी जैसे ही गेट के पास पहुंची पुष्प वर्षा से स्वागत हुआ। महिला व पुरुष बंदियों ने अपने क्षेत्राधिपति बाबा कालभैरव के दर्शन किए। इसके बाद पालकी सिद्धवट मंदिर पहुंची। सिद्धवट घाट पर आरती की गई। वहां से पालकी पुन: मंदिर पहुंची। सवारी का जगह-जगह पूजन कर स्वागत किया गया।