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महाकाल की पांचवीं सवारी सोमवार को
सोमवार को भगवान महाकाल की पांचवी सवारी निकाली जाएगी। यह सोमवार से ही भाद्रपद माह भी शुरू हो रहा है। इस महीने महाकाल की तीन सवारियां निकाली जाती हैं। आखिरी सवारी शाही सवारी के रूप में निकाली जाती है, जो 6 सितंबर को निकाली जाएगी। पांचवीं सवारी के दिन भगवान श्री चन्द्रमौलिश्वर चांदी की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। साथ ही श्री मनमहेश हाथी पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पांचवी सवारी में भी सवारी का स्वरूप पिछले साल की तरह ही रहेगा। सभामंडप में परंपरागत पूजन के बाद सवारी मुख्य द्वार से श्री बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के समीप से होकर नृसिंह घाट रोड, सिद्धाश्रम के सामने से शिप्रा तट रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मां शिप्रा के जल से बाबा के अभिषेक पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि पाल से हरसिद्धि मंदिर पर मां हरसिद्धी व बाबा महाकाल की आरती के बाद श्री बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आएगी।
सवारी मार्ग पर मंदिर समिति के माध्यम से जगह-जगह पर सजावट की जाएगी। नगर भ्रमण के दौरान फूलों व रंगों की सतरंगी रंगोली, आतिशबाजी, रंगबिरंगे ध्वज, छत्रियां आदि के माध्यम से सजाया जा रहा है। संपूर्ण सवारी मार्ग को आकर्षक बनाने के लिये रास्तों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है।
सवारी व्यवस्था
सवारी के दौरान सभामंडप में प्रवेश वर्जित रहेगा। सवारी में केवल पालकी उठाने वाले कहार, पुजारी, पुरोहित, पुलिस, मंदिर समिति के कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। सजावट हेतु अनुमति प्राप्त संस्था के अतिरिक्त बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध रहेगा। रामघाट व सवारी मार्ग में आमजन का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। रामघाट पूजा स्थल पर केवल पुजारी, पुरोहित ही रहेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि व्यवस्था में लगे सभी लोगों को मास्क अनिवार्य रहेगा।
सवारी मार्ग पर धारा 144 लागू
भाद्रपद माह के प्रत्येक सोमवार दोपहर 1 बजे के बाद मन्दिर की ओर आने-जाने के मार्ग बंद कर दिए जाएंगे। कोविड प्रोटोकॉल के तहत तय किए गए नए सवारी मार्ग पर भी धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये गये हैं। इसके तहत आमजन के सवारी मार्ग पर एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है।
लाइव प्रसारण होगा
मंदिर प्रबंध समिति की ओर से समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in व सभी स्थानीय चैनलों एवं फेसबुक पेज पर भगवान की सवारी का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाएगा। जिससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु महाकाल के दर्शन व सवारी के दर्शन कर सकेंगे।