महाकाल मंदिर: दुकानदारों को हटाया तो भिक्षुओं ने डेरा जमाया

उज्जैन। महाकाल मंदिर के बाहर फूल प्रसादी बेचने वालों द्वारा दर्शनों के लिये आने वाले श्रद्धालुओं से अभद्रता और सामान खरीदने के लिये दबाव बनाने के साथ ही आपस में मारपीट की घटनाएं होने के बाद महाकाल थाना पुलिस ने चौराहे पर एक पुलिसकर्मी की स्थाई ड्यूटी लगा दी थी, लेकिन अब इसी चौराहे पर भिक्षुओं ने डेरा जमा लिया है।

महाकालेश्वर मंदिर के चारों हार, फूल, प्रसाद, माला, फोटो आदि धार्मिक वस्तुओं की दुकानें हैं। व्यापार की प्रतिस्पद्र्धा के चलते दुकानदारों ने अपने यहां लड़कों को सिर्फ इसी काम के लिये रखा है कि मंदिर आने वाले लोगों को आवाज देकर दुकान तक लाना और उन्हें जूते, चप्पल, बैग आदि सामान रखने की सुविधा के बदले फूल, प्रसाद व अन्य सामान का विक्रय करना है। व्यापार की इसी प्रतिस्पर्धा के चलते पिछले दिनों महाकाल चौराहे पर दो व्यापारियों के बीच जमकर मारपीट हुई थी जिसका वीडयो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। हालांकि इसके पहले भी यहां व्यापारियों के बीच मारपीट, प्राणघातक हमला और हत्या भी हो चुकी है।

इसी कारण महाकाल थाना पुलिस ने एक आरक्षक की फिक्स ड्यूटी चौराहे पर लगा दी और यहां से ग्राहकों को आवाज देकर बुलाने वाले लड़कों को हटा दिया गया, लेकिन अब इसी चौराहे पर भिक्षुओं ने डेरा जमा लिया है। इन भिक्षुओं की भीड़ यहां आने वाले श्रद्धालुओं को रुपये व खाने पीने के सामान के लिये घेर लेती है। बीच चौराहे पर ही दो दर्जन से अधिक भिक्षुओं का जमावड़ा रहता है इसके अलावा मंदिर के आसपास भी नाबालिग बच्चे भिक्षावृत्ति करते दिखाई देते हैं। देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं से भिक्षावृत्ति के नाम पर अभद्रता करने से मंदिर व शहर की छवि भी धूमिल होती है।

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