महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में बदलाव

शीघ्र दर्शन, प्रोटोकॉल के लिए ऑनलाइन अनुमति

उज्जैन। महाकाल मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया है। इसके तहत शीघ्र दर्शन,प्रोटोकॉल के लिए ऑनलाइन अनुमति जारी होगी। भस्मआरती में 1500 श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलेगा। इसके लिए मंदिर के सॉफ्टवेयर को अपडेट कर दिया गया है। प्री-बुकिंग के लिए प्रोटोकॉल ऑफिस को रुद्रसागर में स्थित अन्नक्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जाएगा।

महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में तीन तरह के बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत श्रद्धालुओं को दर्शन करने में आसानी होगी, ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा और लंबी लाइन में भी नहीं लगना पड़ेगा। भस्मआरती में भी एक हजार की जगह 1500 श्रद्धालु शामिल हो सकेंगे।

भगवान महकाल के शीघ्र दर्शन के इच्छुक श्रद्धालु महाकाल मंदिर एप और अधिकृत वेबसाइट पर जाकर शीघ्र दर्शन पास ले सकेंगे। इसके लिए निर्धारित 250 रुपए का शुल्क भी ऑनलाइन ही देने की व्यवस्था कर दी गई है। इसमें डिजीटल अनुमति एसएमएस के तहत श्रद्धालु के मोबाइल पर मिलेगी। इसे शीघ्र दर्शन काउंटर पर दिखाकर श्रद्धालु अंदर जा सकेंगे।अभी तक शीघ्र दर्शन के लिए महाकाल मंदिर के काउंटर पर जाकर कूपन लेना होता था। इसमें कई बार लंबी लाइन लगती थी, जिससे अब राहत मिल जाएगी। प्रोटोकॉल वाले श्रद्धालु भी 100 रु. ऑनलाइन दान कर सुविधा ले सकेंगे। अभी यह दोनों सेवाएं मंदिर के काउंटर व प्रोटोकॉल कार्यालय से दी जाती है।

भस्मआरती में 1500 श्रद्धालुओं को प्रवेश

भस्मआरती में श्रद्धालुओं की संख्या एक हजार से बढ़ाकर 1500 कर दी गई है। ऑफलाइन की संख्या में ज्यादा इजाफा किया गया है, ताकि आम श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके। इसके साथ ही मंदिर प्रबंध समिति के प्रोटोकॉल कार्यालय से मिलने वाली अनुमति में कम्प्यूटर पर श्रद्धालु के नाम के साथ प्रोटोकॉल लेने वाले विभाग और अधिकारी का नाम भी लिखना अर्निवार्य कर दिया है।

प्रोटोकॉल ऑफिस,अन्नक्षेत्र में शिफ्ट – प्रोटोकॉल से भस्मआरती और दर्शन की सुविधा देने के लिए नीलगंगा हाट बाजार परिसर से कार्यालय को रुद्रसागर में स्थित अन्नक्षेत्र में शिफ्ट कर दिया जाएगा। मंदिर के पास प्रोटोकॉल कार्यालय आने से श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ इसकी निगरानी आसान होगी।

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