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महाशिवरात्रि के पहले महाकाल मंदिर के लिए राज्य सरकार ने जारी किया ये फरमान
Ujjain News; महाशिवरात्रि पर्व के दिन गर्भगृह में प्रवेश निषेध रहेगा।
उज्जैन. महाशिवरात्रि के पहले वीवीआईपी के कारण महाकाल मंदिर की व्यवस्था ध्वस्त हो गई। गर्भगृह में प्रवेश बंद होने के बावजूद धोती-सोला धारण करके कई लोग अंदर घुस गए। वहीं गर्भगृह के बाहर साथ आए ५० से ज्यादा सदस्य व साथीगण झुंड बनाकर खड़े हो गए। इससे पीछे बैरिकेड्स में कतारबद्ध खड़े श्रद्धालुओं को बाबा की एक झलक तक नहीं मिल सकी। लोगों ने अपने लाड़ले नेता-मंत्री के साथ खूब सेल्फी ली और फोटो खिंचाए।
मंगलवार दोपहर 1.35 बजे वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने आए थे। इस दौरान उनके साथ 50 से अधिक सदस्य व साथीगण गर्भगृह के बाहर भीड़ के रूप में खड़े हो गए। आम श्रद्धालुओं को बाबा की झलक तक नहीं मिल सकी। आम दर्शनार्थियों की संख्या अधिक थी। वे लोग कतार में लगकर आराम से दर्शन कर रहे थे, लेकिन जैसे ही मंत्री के साथ नेताओं की भीड़ मंदिर के घुसी, तो जो जहां खड़ा था, वहीं रुक गया। करीब आधे घंटे दर्शन बाधित रहे। मोबाइल प्रतिबंधित होने के बावजूद सेल्फी लेते और फोटो खींचते नजर आए। इधर, हाथों में पुष्प माला व प्रसाद के साथ अपने बच्चों को गोद में लिए खड़े थे।
इधर देर शाम राज्य सरकार ने जारी किया ये फरमान
महाकाल मंदिर में मंगलवार सुबह जहां मंत्रियों और नेताओं की भीड़ ने अव्यवस्था फैलाई, वहीं शाम होते-होते मंदिर प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि आम श्रद्धालुओं को सुगमता से दर्शन लाभ मिल सके, इस संबंध में राज्य सरकार के निर्णय अनुसार जिले के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने निर्देश दिए हैं कि, महाशिवरात्रि पर्व के दिन गर्भगृह में प्रवेश निषेध रहेगा।
21 फरवरी को 24 घंटे खुला रहेगा बाबा का दरबार
शुक्रवार 21 फरवरी से महाशिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन तक श्री महाकालेश्वर का दरबार २४ घंटे खुला रहेगा। सतत जलधारा से अभिषेक होगा। दोपहर 12 बजे गर्भगृह में तहसील पूजा व शाम 4 बजे होलकर एवं सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन होगा। रात 11 बजे से गर्भगृह में महाअभिषेक आरंभ होगा, उसके बाद भगवान को पुष्प मुकुट धारण करवाया जाएगा। 22 फरवरी को दोपहर में 12 बजे भस्म आरती होगी, जो कि वर्ष में एक बार ही दिन के समय होती है।
पूजन-अर्चन कराने पर लगाया प्रतिबंध
पिछले दिनों हॉलैंड से आए श्रद्धालुओं से 13 हजार रुपए लेकर भस्म आरती दर्शन कराए जाने वाले मामले में महाकाल मंदिर के पुरोहित गोपालकृष्ण व्यास एवं उनके प्रतिनिधियों विजयप्रकाश व्यास एवं विश्वनाथ व्यास को मंदिर में यजमानों की पूजन-अर्चन कराने से प्रतिबंधित किया जाकर भस्म आरती अनुमति पास व अभिषेक-भेंट की सुविधा से वंचित किया गया है।
पुजारी-पुरोहित या उनके प्रतिनिधि ही ले सकेंगे रसीद
महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के तहत कार्यरत पुजारी-पुरोहित व उनके प्रतिनिधि ही अपने यजमानों के लिए अभिषेक-पूजन, जल अर्पण, भस्म आरती के लिए प्रारूप आवेदन पत्र, रसीद प्राप्त कर सकेंगे। इस आशय के निर्देश मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एसएस रावत ने दिए हैं। जिसके तहत अब किसी अन्य व्यक्ति को अभिषेक, भेंट रसीद व भस्म आरती के लिए प्रारूप आवेदन पत्र जारी नहीं किए जा सकेंगे। साथ ही बाहरी पुरोहित स्वयं उपस्थित होकर अपने नाम से ही अभिषेक पूजन की रसीद कटा सकेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
स्टॉल की अनुमति के लिए समिति गठित
महाशिवरात्रि पर्व के दौरान मंदिर के बाहरी क्षेत्र में प्रसाद एवं अन्य सामग्री के लिए स्टॉल लगाने की अनुमति देने के लिए मंदिर प्रशासक रावत ने चार सदस्यीय समिति गठित की है। जिसमें उपप्रशासक पुष्पेन्द्र अहके, महाकाल थाना प्रभारी, खाद्य अधिकारी बसंत शर्मा एवं सुरक्षा अधिकारी रूबी यादव रहेंगे। यह समिति स्टॉल आदि की अनुमति स्थान चिन्हित कर जारी करेंगे।