माधवनगर अस्पताल में बेरोक-टोक आना-जाना, कैमरों का अभाव

हर तरफ घुस रहे असामाजिक तत्व, एमएलसी बंद होने से पुलिस भी नहीं आती है यहां

उज्जैन। शा.माधवनगर हॉस्पिटल को कोरोना मरीजों के उपचार के लिए बनाया गया है। लाखो रूपये खर्च करके तैयार इस हॉस्पिटल में सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। यहां न तो सीसीटीवी केमरे लगे हैं और न ही यहां पर सुरक्षा गार्डो द्वारा किसी प्रकार की रोकटोक की जाती है। जिसकी मर्जी चाहे,आ जाए, इस तर्ज पर हॉस्पिटल में काम चल रहा है।

हॉस्पिटल में इन दिनों आसामजिक तत्वों का जमावड़ा होता जा रहा है। इस ओर पुलिस विभाग की नजरें नहीं है। जब से यहां पर डेडिेकेटेड कोविड हॉस्पिटल बना, यहां पर माधवनगर थाने की एमएलसी भी बनना बंद हो गई। तभी से यहां पुलिस ने आना भी बंद कर दिया।यहां काम करनेवाली नर्सो एवं अन्य महिला स्टॉफ का आरोप है कि हॉस्पिटल चूंकि कोरोना मरीजों के लिए है, ऐसे में आम आदमी यहां प्रवेश करने से भी डरता है। वहीं मरीज के परिजन भी अंदर आने से डरते हैं लेकिन असामाजिक तत्वों में कोरोना का भय नहीं है। वे अंदर तो ठीक प्रथम मंजिल तक घुम जाते हैं। जब हम पूछताछ करते हैं, तो पता नहीं चलता। क्योंकि यहां पर सीसीटीवी कैमरे ही नहीं है। यदि कैमरे लगे हों तो समस्या न आए।

 

इनका कहना है

इस संबंध में चर्चा करने पर हॉस्पिटल प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा ने कहाकि हमने कलेक्टर साहब को अवगत करवा दिया है। यहां सीसीटीवी केमरों की संख्त आवश्यकता है। साथ ही इनकी मानीटरिंग भी यहीं हो, कंट्रोल रूम यहीं बने, ताकि पूरे हॉस्पिटल एवं वार्डो पर नजर रखी जा सके। ऐसा होने पर असामजिक तत्वों का आना-जाना रूकेगा ओर सभी सुरक्षित रहेंगे।

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