मानसून की खेंच:मुरझाने लगी सोयाबीन; किसान बोले- एक सप्ताह पहले बोवनी की

दुरदरसी गांव के किसान अजय पटेल ने जून के आखिरी सप्ताह में सोयाबीन की बोवनी की थी। उनका कहना है कि तब से तेज बारिश तो दूर, बूंदाबांदी भी नहीं हुई। ऐसे में बोए गए बीज का अंकुरण भी ठीक तरह से नहीं हो पा रहा है। इस तरह की फसल को दो से चार दिन में बारिश की सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसा नहीं हुआ तो बीज मिट्टी में दबे रहने की आशंका है। दोबारा बोवनी भी करना पड़ सकती है।

ग्राम जवासिया के किसान ईश्वर सिंह पाटपाला बताते हैं कि सोयाबीन की बोवनी किए 15 दिन हो गए हैं। खेतों में खरपतवार निकालने के लिए कुल्पे यानी डोरे चलाए जा रहे हैं। इससे फसल को अतिरिक्त ऑक्सीजन तो मिल गई है लेकिन बारिश की कमी खल रही है।

बूंदाबांदी से कुछ नहीं होने वाला। अगर एक बार तेज बारिश हो जाए तो उपज को बढ़ने में मदद मिल जाएगी। बारिश लंबी खींची तो दोबारा बोवनी की नौबत आ सकती है। यह जिले के ऐसे किसान हैं जिन्होंने जून में बारिश होने पर सोयाबीन की बोवनी कर दी थी। अब उनकी चिंता बारिश को लेकर है।

लक्ष्य : 5 लाख 4 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र में में से 75 फीसदी रकबे में बोवनी

डीडीए सीएल केवड़ा का कहना है कि जिले में इस वर्ष 5 लाख 4 हजार हेक्टेयर में खरीफ की बोवनी का लक्ष्य है। इसमें से 75 फीसदी से रकबे में सोयाबीन की बोवनी हो गई है। इसमें भी सोयाबीन का रकबा सबसे ज्यादा है। जिले के नागदा, महिदपुर, बड़नगर में ज्यादा बारिश हुई है। वहां मिट्टी में नमी है।

ऐसे में सोयाबीन को बढ़ने में मदद मिलेगी लेकिन ऐसे स्थान जहां 4 इंच से कम बारिश हुई है वहां बोवनी कर दी है तो अंकुरण के साथ पौधे को बढ़ने में भी समय लग सकता है। जून में 5.59 इंच बारिश होने के बाद अब किसानों की उम्मीद जुलाई पर टिकी है।

रात का पारा 25 डिग्री पार

इधर, बारिश की बेरुखी का असर तापमान पर भी पड़ रहा है। नतीजतन दिन और रात जमकर तप रहे हैं। उमस से आम जनता हाल बेहाल है। शासकीय जीवाजी वेधशाला के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान 34 और न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री दर्ज किया गया। आर्द्रता सुबह 76 और शाम को 70 फीसदी रही।

7 दिन के मौसम में बदलाव

दिनांक अधिकतम न्यूनतम

  • 29 जून 36.5 24.0
  • 30 जून 34.0 23.0
  • 1 जुलाई 33.0 25.7
  • 2 जुलाई 34.5 25.0
  • 3 जुलाई 35.5 25.2
  • 4 जुलाई 34.5 25.5
  • 5 जुलाई 34.0 25.6

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