- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
ये कैसा वाहन स्टैंड, गाड़ी गुम हो जाने पर हमारी जिम्मेदारी नहीं
उज्जैन | शहर में एक ऐसा सायकल स्टैंड भी है जिसकी पर्ची पर स्टेण्ड संचालक ने तमाम निर्देश लिखे हैं जिसे संभवत: वाहन रखने वाले पढ़ते नहीं, लेकिन स्टेण्ड संचालक निर्देश लिखे के बाद वाहन की जिम्मेदारी से स्वत: छुटकारा अवश्य पा लेता है।
चेरिटेबल अस्पताल के मुख्य गेट पर यादव सायकल स्टेण्ड संचालित होता है। यहां कोई भी व्यक्ति दोपहिया, चार पहिया वाहन लेकर अस्पताल के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता। स्टेण्ड संचालक ने मुख्य गेट पर बेरिकेट लगा दिया है और सिर्फ डॉक्टर व स्टाफ के वाहनों को बेरिकेट हटाकर प्रवेश दिया जाता है।
मरीज और उनके परिजनों को अपने वाहन स्टेण्ड पर रखना अनिवार्य है। यहां आने वाले लोग भी वाहनों की सुरक्षा के दृष्टिगत 5 रुपये की रसीद कटवाकर अपने वाहन स्टेण्ड पर खड़े कर देते हैं। उन्हें भरोसा होता है कि स्टेण्ड पर वाहन सुरक्षित रखा है और यहां से वाहन चोरी नहीं हो सकता लेकिन अधिकांश लोग स्टेण्ड संचालक द्वारा दी जाने वाली पर्ची को ध्यान से नहीं पड़ते।
रसीद खो जाने पर गाड़ी नहीं दी जाएगी…
स्टैंड संचालक की पर्ची में स्पष्ट लिखा है कि बिना बीमे के वाहन स्टेण्ड में खड़े न करें, उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। इसके अलावा रसीद संभालकर रखें खो जाने पर गाड़ी नहीं दी जायेगी। निर्धारित समय के अंदर ही गाड़ी उठा ली जाये। सामान की जवाबदारी नहीं रहेगी, जबकि यहां वाहन रखने वाले अधिकांश लोगों को इस रसीद में लिखी बातों की जानकारी तक नहीं होती। ऐसे में यदि स्टेण्ड से वाहन या उसका सामान गायब होता है तो इसकी सारी जवाबदारी वाहन मालिक की होगी तो फिर वाहन चालकों को स्टेण्ड पर वाहन रखने का क्या फायदा। खास बात यह कि स्टेण्ड संचालक पर पुलिस या नगर निगम के नियम या निर्देश भी लागू नहीं होते।