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लद्दाख में 18 हजार फीट ऊंचाई पर 00 तापमान में बुलेट से राइडिंग कर लौटी मेघा
चेरिटेबल हॉस्पिटल के मुख्य गेट के पास रहने वाले मेडिकल व्यवसायी राजेंद्र जायसवाल की बेटी आगर पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर मेघा ने कुछ अलग करने के जज्बे को पूरा करने के लिए लेह लद्दाख के दुर्गम रास्तों पर 18 हजार फीट ऊंचाई पर जीरो डिग्री तापमान में बाइक राइडिंग की। मेघा प्रदेश की पहली बाइकर हैं जिसने यह एडवेंचर अनुभव पूरा किया है। 2 हजार फीट ऊंचाई के इस सर्किट को उन्होंने तीन दिन में पूरा किया। श्रीनगर से राइडिंग शुरू कर वे सोनमर्ग, जोजिला पास, द्रास, कारगिल, फाटूला टॉप, लेह सिटी, लेह सर्किट, पास, नुब्रा वैली, हानले, हुंदर रेगिस्तानी क्षेत्र में गर्मी और सो मोरीरी, पैंगोंग लेक गए से होते हुए वापस लेह तक पहुंचकर सफर पूरा किया।
मेघा ने बताया श्रीनगर से लेह तक प्रकृति के सुंदर और आकर्षक नजारे हैं। लेह समुद्र तट से 1100 फीट की ऊंचाई पर है। इसके बाद नुब्रा वेली ओर हानले में लोग रहते हैं। यहां जुलाई-अगस्त में जब बर्फ से रास्ते खुल जाते हैं तो लोग सांस्कृतिक आयोजन करते हैं। केवल यही समय होता है जब लेह-लद्दाख के इस क्षेत्र से बर्फ की चादरें हट जाती हैं। आम दिनों में यहां सड़कें 15 से 20 फीट तक बर्फ से ढंकी होती हैं। इसके आगे वैली हॉनले से लेकर हुंदर तक रेगिस्तानी क्षेत्र हैं। यहां ऊंट पाए जाते हैं। इस जगह की यह विशेषता है कि दिन के समय गर्मी लगती है जबकि रात के समय तापमान जीरो डिग्री पहुंच जाता है। इसके आगे पैंगोंग लेक है जिसका कुछ हिस्सा चीन के पास है। इस पूरे रास्ते में देशभर के कईं राइडर्स इन दिनों एडवेंचर के लिए आते हैं। राइडर्स क्लब देशभर के राइडर्स को इंडियन बाइकर्स रूल्स के आधार पर हर संभव मदद करता हैं।
दो दिन में मिली स्वीकृति
मेघा ने लेह से बाइक किराए पर ली लेकिन दुर्गम क्षेत्र में जाने के लिए प्रशासन की स्वीकृति में दो दिन का समय लगा। बाइक राइडर्स ग्रुप की आईडेंटिटी दिखाने के बाद स्वीकृति के लिए आवेदन किया।
बचपन के शौक को पूरा करने के लिए खुद के वेतन से खरीदी बुलेट, दूसरों के लिए बनीं प्रेरणा
मेघा को बचपन से बाइक राइडिंग का शौक
आगर पॉलीटेक्निक कॉलेज में गेस्ट फेकल्टी लेक्चरर मेघा जायसवाल को बचपन से बाइक राइडिंग का शौक हैं। दुर्गम स्थानों की सैर करना, रोमांचक राइडिंग और एडवेंचर की बुक पढ़कर वे जीवन में कुछ नया और अलग करने के लिए प्रय|शील रहती हैं। इसी जज्बे के साथ उन्होंने अपने वेतन से बचत कर बुलेट खरीदी। बाइकर्स के एडवेंचर की कहानियों से आकर्षित होकर राइड्स ऑफ राइडर्स ग्रुप से जुड गई। ग्रुप के ज्ञानदीप श्रीवास्तव एवं अन्य साथियों ने राइडिंग की बारीकियां सिखाई।
टॉप ऑफ द वर्ल्ड का खरडूंगला पहाड़ी पर बाइक के साथ मेघा।
परिवार को समझाया-मनाया, विश्वास दिलाया
मेघा को लेह-लद्दाख के दुर्गम रास्तों की बाइक से सैर करना थी। इसके लिए उन्होंने परिवार को समझाया पिता नहीं माने तो मां को मनाया। इसके बाद तो दोस्तों ने विश्वास दिलाया। सभी की प्रेरणा से वहां तक जाने का प्रण कर लिया। लेह तक पिता साथ गए। इसके बाद 1800 फीट की ऊंचाई जहां ऑक्सीजन का लेवल जीरो हो जाता है। वहां स्प्रे और कपूर सूंघकर मेघा ने ऑक्सीजन ली। उसके बाद राइडिंग जारी रखी। जहां जरूरत होती, वहां पर ऑक्सीजन के लिए यही प्रयोग किया।