विक्रम विश्वविद्यालय में फिर बनेगी जांच समिति:विश्वविद्यालय के दस्तावेज गायब होने का मामला, पुलिस ने कहा- FIR से पहले जांच करा लें

विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में की गई धांधली की जांच के लिए गठित समिति की फाइल से दस्तावेज गायब हो गए थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिखा तो थाने ने विश्वविद्यालय को पत्र देकर कहा है कि पहले गायब दस्तावेज के लिए विभागीय स्तर पर समिति से जांच कराएं। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आगे कार्रवाई करेगी। अब विश्वविद्यालय ने प्रशासन से गायब दस्तावेज की जांच के लिए समिति बनाने की फाइल कुलसचिव तक पहुंचा दी है।

विक्रम विश्वविद्यालय प्रशासन विभाग की फाइल से पीएचडी जांच समिति के बयान संबंधी कुछ दस्तावेज गायब हुए थे। यह दस्तावेज जून 2022 में आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली की शिकायत पर गठित जांच समिति की फाइल में रखे थे। हालांकि, मामले में विश्वविद्यालय ने सिस्टम इंजीनियर विष्णु कुमार सक्सेना को निलंबित कर थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया था।

आरोप है कि सक्सेना ने फाइल अवलोकन के लिए ली थी, इसके बाद से ही दस्तावेज नहीं मिले। माधवनगर थाने में दिए गए एफआईआर दर्ज करने के आवेदन पर अब पुलिस विभाग ने भी विश्वविद्यालय को पत्र देकर विभागीय स्तर पर जांच कराने के लिए समिति गठित कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अगली कार्रवाई करेगी। प्रशासन विभाग के सहायक कुलसचिव रमेशचंद्र सूर्यवंशी ने कहा कि पुलिस विभाग से आए पत्र के साथ समिति बनाने के लिए फाइल कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक तक पहुंंचा दी है।

अब दो जांच समिति बनेगी

विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में पीएचडी में धांधली की शिकायत पर तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी। जैसे-तैसे जांच पूरी होने को थी इसी बीच फाइल से दस्तावेज गायब होने से तीनों सदस्यों ने समिति में रहने से इंकार कर दिया। कुलपति नई जांच समिति बनाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच अब पुलिस विभाग का पत्र आने के बाद दस्तावेज गायब होने पर विभागीय जांच समिति गठित करना होगी।

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