विधानसभा चुनाव 2018-अब अंतिम दौर में टिकट के लिए घमासान

उज्जैन। विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू होने में मात्र नौ दिन शेष बचे हैं। ऐसे में अब दावेदार टिकट पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। कुछ दावेदार को अभी तक कई बार दिल्ली और भोपाल की यात्रा कर चुके हैं और उसके बाद भी दो तीन दिन से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उज्जैन-दक्षिण से कांग्रेस की ओर से कई दिग्गज नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।उनमें से कुछ तो ऐसे हैं जो कि टिकट मिलने पर लाखों रुपए खर्च करने की क्षमता रखते हैं। अब इनमें से कौन नेता टिकट लाने में कामयाब होता है इस पर सभी की नजरें लगी हुई है। वहीं भारतीय जनता पार्टी में हुई रायशुमारी के बाद अटकलें लगाई जा रही है। भाजपा की ओर से भी उज्जैन दक्षिण से कई दावेदार मैदान में हैं।

ये हैं दावेदार

कांग्रेस : चेतन यादव, बीनू कुशवाह, राजेंद्र वशिष्ट, जयसिंह दरबार, संजय ठाकुर, उमेशसिंह सेंगर, चंद्रभानसिंह चंदेल, अजीतसिंह ठाकुर

भाजपा : वर्तमान विधायक डॉ. मोहन यादव, प्रदीप पाण्डे, राजपालसिंह सिसौदिया, इकबालसिंह गांधी, चंद्रविजयसिंह चौहान, भानू भदौरिया

जाति समीकरण
उज्जैन दक्षिण में राजपूत ब्राह्मण एवं आंजना समाज के मतदाता ज्यादा हैं। इस बार सपाक्स द्वारा प्रत्याशी खड़ा किया जाएगा जिसके चलते दोनों दलों का समीकरण बिगड़ सकता है। इसी के चलते उज्जैन दक्षिण में कांग्रेस द्वारा राजपूत समाज के दावेदार को टिकट दिए जाने पर विचार किया जा रहा है ताकि सपाक्स के प्रभाव को रोका जा सके।

भीतरघात का आरोप
सन 1995 से लेकर सन 2023के बीच सात बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दो बार सफलता मिली जबकि पांच बार भाजपा प्रत्याशी जीते हैं। लगातार तीन बार से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। आरोप इस बात को लेकर लगता रहा है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं के द्वारा भीतरघात किए जाने से भाजपा को जीत हांसिल होती है। सन 2008 में कांग्रेस के दो नेता निर्दलीय रूप से चुनाव लड़े थे जिससे उस दोरान कांग्रेस प्रत्याशी योगेश शर्मा को करारी हार का सामना करना पड़ा था।

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