शहर को रेड से ग्रीन जोन में लाने से पूर्व उठ रही रेण्डम सर्वे की मांग

ताकि पूरी तरह से निश्चितंता हो जाए, फिर सावधानी के साथ चले सभी आर्थिक गतिविधियां

कोरोना संक्रमण उज्जैन शहर में लगभग खत्म

उज्जैन। शहर में दो दिनों से एक भी कोरोना पॉजीटिव का मामला सामने नहीं आया है। इसे देखते हुए संभावना है कि 1 जुलाई से शहर में सभी आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ हो जाए। मॉल व रेस्टोरेंट-होटल भी खोल दिए जाएं। इस प्रकार शहर रेड से ग्रीन झोन में आ जाएगा। लेकिन निश्चिंतता के लिए रेण्डम सर्वे का सुझाव आया है। जिला प्रशासन ऐसा करता है तो संभव है कि बची आशंकाएं भी समाप्त हो जाएगी।

शहर में कोरोना का संक्रमण उतना ही बचा है, जितना बुलेटिन में दर्शाया है। बुधवार शाम की स्थिति में कोरोना पॉजीटिव के 57 मामलों में 16 लक्षण वाले एवं शेष लक्षण विहिन बचे हैं। दो दिनों से निगम सीमा मेें एक मामला सामने आया है। संभावना है कि 1 जुलाई से शहर की बची आर्थिक गतिविधियां भी खोल दी जाएंगी। तब तक केंद्र एवं प्रदेश सरकार की एसओपी भी आ जाएगी। आने वाले नए निर्देशों से पूर्व शहर में रेण्डम सर्वे का सुझाव आया है। इसके पीछे जो भी पिक संबंधी आशंकाएं है,वे समाप्त हो जाए।

 

रेण्डम सर्वे होना चाहिए पूरे शहर में: सोनू गेहलोत

क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी सदस्य एवं निगम सभापति सोनू गेहलोत के अनुसार अब स्थिति संतोषप्रद दिखाई दे रही है। उनका सुझाव है कि प्रशासन को सभी वार्डो में रेण्डम सर्वे करना चाहिए। यह सर्वे जनगणना की तर्ज पर हो। हर वार्ड में 50 सैंपल लिए जाएं। जांच तीन से चार दिन में करवा ली जाए। इस सर्वे में यदि पॉजीटिव नहीं आते हैं तो या पांच-छह आ जाते हैं तो, यह स्पष्ट हो जाएगा कि हम कहां खड़े हैं? इसके बाद तय कर सकेंगे कि शहर को ग्रीन झोन में भेजा जाए या नहीं?

 

हमारा सर्वे चल रहा है : अंकित अस्थाना

जिला पंचायत सीईओ एवं घर-घर चल रहे सर्वे के नोडल अधिकारी अंकित अस्थाना से जब चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि शहर के 54 वार्डो में 376 टीम सतत घर-घर जाकर सर्वे का काम कर रही है। उनके फिडबेक प्रतिदिन आते हैं। उज्जैन नगर निगम सीमा में 1 लाख 7 हजार मकान है। इन सभी मकानों तक ये टीम सतत पहुंच रही है। ऐसे में अन्य किसी दिशा में नहीं सोच रहे हैं। यह काम फिलहाल सतत चलता रहेगा।

 

‘पिक’ से नहीं कर सकते इंकार: डॉ.सोनानिया

कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ.एच पी सोनानिया ने कहा शहर में पॉजीटिव की संख्या शून्य पर आना अच्छी बात है। लेकिन मेडिकल साइंस किसी भी घटना को तर्क से नहीं देखती। आज भी और कल भी ‘पिक’ आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। यह इंटरनेशनल थ्योरी है कि जहां संख्या शून्य रही, वहां दोबारा से पिक आया। आवश्यकता इस बात की है कि लोग सावधानी रखे।

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