शांति पैलेस के बाद अब नदी किनारे बनी होटलों पर नजर

उज्जैन:होटल शांति पैलेस संचालक द्वारा नियम विरुद्ध जमीन का उपयोग करते हुए भव्य होटल निर्माण का मामला कोर्ट से निपटने के बाद निगम अधिकारियों ने इसे गिराने में जो तत्परता दिखाई उससे अधिकारियों ने निष्पक्ष कार्रवाई का संकेत दिया और अब जिला प्रशासन, नगर निगम व टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों द्वारा इंदौर रोड से लेकर हरिफाटक ब्रिज तक बनं होटलों की जमीनों के कागजात तलब किये हैं।
अधिकारियों ने चर्चा में बताया कि होटल शांति पैलेस के संचालक द्वारा लैंडयूज बदलकर जमीन पर अवैध निर्माण कर लिया गया था। मामला सामने आया तो उसने कोर्ट की शरण ली। हालांकि कोर्ट द्वारा अवैध निर्माण को तोडऩे के निर्देश मिलने के तुरंत बाद शांति पैलेस के अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया गया है और अब इंदौर रोड से लेकर हरिफाटक ब्रिज तक शिप्रा नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट के नजदीक बनी होटलों के निर्माण से जुड़े कागजातों की जांच शुरू की जा रही है।

अधिकारियों का कहना है कि यदि इस मार्ग पर किसी भी होटल संचालक द्वारा कागजों में गड़बड़ी कर अवैध निर्माण किया गया है अथवा शासकीय जमीन पर अतिक्रमण पाया जाता है तो अवैध निर्माण और अतिक्रमण तोडऩे के साथ गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।

हर स्तर पर होगी जांच
अवैध निर्माण और अतिक्रमण की जांच पड़ताल के लिये जिला प्रशासन स्तर पर नगर निगम, राजस्व विभाग और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर हर स्तर पर जांच करवाई जायेगी। खास बात यह कि त्रिवेणी से लेकर गऊघाट के आगे तक नदी किनारे एक दर्जन से अधिक होटलों का निर्माण हो चुका है, जबकि नादी किनारे की जमीन ग्रीन बेल्ट के रूप में शासन द्वारा संरक्षित रखी जाती है ऐसे में ग्रीन बेल्ट से निर्मित होटलों की दूरी को भी जांच में शामिल किया जा रहा है।

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