शासकीय मंदिरों के लिए एक्ट: चढ़ावे की 20 प्रतिशत राशि औकाफ बोर्ड को

उज्जैन :- शासकीय मंदिरों के चढ़ावे की 10 से 20 प्रतिशत राशि अब औकाफ बोर्ड में जमा होगी। इस राशि से मंदिरों और देव
स्थलों की संपतियों का संरक्षण, प्रबंधन और संचालन किया जाएगा। शासन की ओर औकाफ एक्ट बनाया गया है और यह शीघ्र लागू होगा। शासन की ओर से मंदिरों और देवस्थानों के संचालन, संधारण के लिए नीति लागू करने की कवायद लंबे समय से चल रही थी। इस पर क्रियान्वयन शुरू होने जा रहा है।
बैठक में निर्णय लिया
मंदिरों और देवस्थानों को लेकर गुरुवार को उज्जैन में आयोजित औकाफ बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि बड़े मंदिरों को चढ़ोतरी में मिली राशि का 10 से 20 प्रतिशत तक हिस्सा औकाफ़ बोर्ड को दिया जाए। मंदिरों और देवस्थानों से लावारिस संपत्तियों को जब्त करने से मिली राशि औकाफ़ बोर्ड को दी जाए। ऐसे मंदिर जो औकाफ बोर्ड की सूची में नहीं है, उनके संबंध में सरकार नीतिगत निर्णय लेकर उनके ट्रस्ट बनाने के साथ बैंक खाते खुलवाए जाए।
औकाफ बोर्ड के बजट का अनुमोदन
मध्यप्रदेश औकाफ़ बोर्ड के अध्यक्ष एवं संभाग आयुक्त ग्वालियर एस एन रूपला की अध्यक्षता में उज्जैन में बोर्ड की बैठक आयोजित की गई। इसमें संभागायुक्त एमबी ओझा, बोर्ड के सदस्य तारा सिंह, धर्म स्वरूप भार्गव, सदस्य सचिव भूपेंद्र सिंह कुशवाहा आदि उपस्थित थे। बैठक में औकाफ बजट वर्ष 2016-17 के बजट का अनुमोदन किया गया।
यह भी निर्देश-निर्णय
– जिन मंदिरों की जमीन का भू अर्जन किया गया है, उनके मुआवजे की राशि की जानकारी बोर्ड को भेजी जाए।
– मंदिरों की भूमि पर किए अतिक्रमण तुरंत हटाएं।
– प्राचीन मंदिरों पर अन्य भाषा में दर्ज जानकारी का हिंदी में अनुवाद कर प्रदर्शित की जाए।
– औफाक बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मंदिरों की तीन श्रेणियों में सूचियां बनाई जाए। पहली श्रेणी तुरंत मरम्मत वाले मंदिर, दूसरी श्रेणी में वे मंदिर रखे जाएं, जिनमें मरम्मत की अभी आवश्यकता नहीं है तथा तीसरी श्रेणी में वे मंदिर रखे जाएं जो अच्छी हालत में है।
– औकाफ बोर्ड के अंतर्गत राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय, तहसील स्तरीय एवं मंदिर स्तरीय समितियां के गठन का सुझाव शासन को भेजा जाए।
– मंदिरों की जमीनों के न्यायालय में चल रहे प्रकरणों की जानकारी बोर्ड को दी जाए ।
– देवस्थानों में महोत्सव कराने के लिए समिति का गठन करें।

 

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