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शिप्रा 20 घंटे से बड़े पुल के ऊपर सोमवार से रोज जलप्रदाय
उज्जैन:सावन के सूखा गुजरने के बाद भादौ मास की शुक्रवार से लगी झड़ी रविवार को भी जारी रही। मालवांचल में मानसून इस कदर मेहरबान है कि शिप्रा नदी का बड़ा पुल लगातार 20 घंटे से डूबा हुआ है। सुबह तक इसके तीन फीट ऊपर से पानी बह रहा था। शनिवार शाम 6 बजे से सुबह तक जिले में ०.54 इंच दर्ज हुई है, जबकि गंभीर बांध का एक गेट खुला है।बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के बाद प्रदेश के 20 जिलों में भारी बारीश का दौर शुरू हुआ है।
यही कारण रहा कि रविवार सुबह तक शहर में रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी था। शनिवार सुबह से शिप्रा नदी का जलस्तर बढऩा शुरू हुआ और शाम तक पानी बड़े पुल के ऊपर 5 फीट तक बहने लगा। करीब 18 घंटे बीतने के बाद भी सुबह तक बड़े पुल से 3 फीट ऊपर पानी बह रहा था। इधर नृसिंह घाट पुल भी डूबा हुआ है और पानी झालरिया मठ, कुमावत धर्मशाला तक भरा है वहीं रामानुज कोट के सामने 5 फीट ऊपर तक पानी भरा है जो हरसिद्धि की पाल तक पहुंच चुका था और बाढ़ का पानी दानीगेट चौराहे तक पहुंच गया था।
वैधशाला से मिली जानकारी के अनुसार कल शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे तक जिले में कुल ०.54 इंच बारिश दर्ज हुई है। गंभीर डेम प्रभारी राजीव शुक्ला ने बताया कि बांध में कल तेजी से पानी की आवक बनी हुई थी इस कारण दो गेट 4 मीटर तक खोले गये थे। अब पानी की आवक कम हो चुकी है इस कारण बांध की क्षमता 2250 एमसीएफटी को मेंटेन करते हुए एक गेट बंद कर दिया गया है।
गंभीर बांध पर रात्रि तक कुल 24 मीटर गेट खुले रखे गए थे। आज प्रात: 6 बजे कुल गेट 9 मीटर खोले गए वहीं प्रात: 9 बजे गेट को और बंद करने के बाद कुल 6 मीटर गेट खुले हुए है। अभी अप स्ट्रीम से पानी की आवक थमने लगी है। यशवंत सागर के सभी छोटे-बड़े सायफन बंद हो गए हैं।
ऐसे में दोपहर बाद तक पानी की गति और कम होगी। साहिब खेड़ी जलाशय का जलस्तर 195 एमसीएफटी था। उंडासा तालाब का जलस्तर 220 एमसीएफटी था। शिप्रा किनारे आने वाले शक्करवासा के आधा दर्जन मकान नदी में आई बाढ़ के कारण डूब गये और अन्य घरों में पानी भर गया था यही स्थिति हरियाखेड़ी गांव की भी रही।
सोमवार से रोज जलप्रदाय
शहर में पूर्वानुसार नगर निगम द्वारा पुराने एवं नये शहर में तय समय पर जलप्रदाय किया जाएगा। पीएचई ईई अतुल तिवारी के अनुसार गंभीर बांध में पर्याप्त पानी आ जाने के बाद तय किया गया है कि सोमवार से पुन: नियमित जलप्रदाय किया जाएगा।
ऋषि पंचमी पर महिलाओं ने किया स्नान व पूजन
आज महिलाओं ने ऋषि पंचमी व्रत और सप्त ऋषियों का पूजन किया। सुबह घरों पर महिलाओं ने आंधीझाड़ा के पत्ते सिर पर रखकर शुद्धि स्नान किया जिसके बाद जूना महाकाल और अंकपात मार्ग स्थित गयाकोठा स्थित सप्त ऋषि मंदिर में पूजन अर्चन कर कथा का श्रवण भी किया। ऋषि पंचमी पर महिलाएं मोरधन का फलाहार करती हैं।