शुक्र है! संयम में रहा पहला दिन:सड़कों पर भीड़ थी लेकिन दुकानों पर नहीं लगी, आज मार्केट का लेफ्ट डे

बाजार में मंगलवार को शहर अनलॉक होते ही रौनक लौट आई। सुबह से ही सभी बाजारों में लोगों की आवाजाही बढ़ गई। सबसे पहले लोगों ने दूध और सब्जी की खरीदारी की। इसके बाद किराना दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी। हालांकि लोग जरूरी सामान ही खरीदते नजर आए। लोगों को पसंदीदा नाश्ता पोहा-जलेबी, कचौरी भी मिली और युवाओं को चेहरा चमकाने का मौका भी। इधर पुलिस ने कहा- कोरोना गया नहीं, सावधानी बरतें।

दौलतगंज की 80 फीसदी दुकानें ही खुलीं, इनमें भी ग्राहकी सामान्य से कम ही रही

अ नलॉक के पहले दिन मंगलवार को दौलतगंज के थोक बाजार की राइट साइड की सभी दुकानें नहीं खुली थी। ऐसे ही हालात शहर की राइट साइड में स्थित किराना की दुकानों के भी रहे। औसतन 80 फीसदी व्यापारी ही कारोबार करने पहुंचे थे।

ग्राहकी सामान्य से कम रही। व्यापारियों का कहना था कि लंबे समय से लॉकडाउन के चलते लोगों के पास पैसों की पहले की तरह आवक नहीं रही है। ऐसे में वे वही सामग्री व चीज खरीद रहे हैं जो बहुत जरूरी है। रिटेल व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र जैन ने बताया कि कुछ व्यापारियों ने टर्न होने के बावजूद केवल इसलिए ही दुकानें नहीं खाेली क्योंकि ग्राहकी नहीं है।

मंडी व अन्य कामकाज शुरू होने पर लोगों के पास पैसे आने लगेंगे तब परिस्थितियां सामान्य होने लगेंगी। एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर आशीष सिंह से भी मिला। उनसे मांग की है कि फ्रीगंज में जिन 13 दुकानों को सील करने की कार्रवाई की थी, उनके लाइसेंस निरस्त नहीं किए जाएं।

इंदौर रोड, देवास रोड पर वाहनों की सुबह से ही आवाजाही, रोड से बेरिकेड्स नहीं हटाए

ना नाखेड़ा चौराहा, यहां लॉकडाउन में दो-चार वाहन ही दिखते थे, दिन में सन्नाटा रहता था। मंगलवार को अनलॉक होते ही सुबह से वाहनों की आवाजाही बनी रही। मुख्य मार्ग से पूरी तरह बेरिकेड्स नहीं हटाने से वाहन चालकों को आने-जाने में मुश्किल हो रही थी।

इंदौर रोड के अलावा देवास रोड पर भी वाहनों की लंबी कतार देखी गई। यहां बारिश के दौरान गिरे पेड़ों को नहीं हटाने से भी आवागमन बाधित होता रहा। इंदौर रोड सहित अन्य मार्गों की सर्विस रोड से बेरिकेड्स नहीं हटाए गए। वाहन चालकों को कॉलोनियों में जाने के लिए मुख्य मार्ग से होकर आना-जाना पड़ा।

इंदौर रोड व देवास रोड के ट्रैफिक सिग्नल चालू होने से यहां वाहनों की लंबी कतार लगी रही। संक्रमण का खतरे के बीच लोगों में अवेयरनेस देखी गई, टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर में सवार लोग मास्क पहने हुए दिखे। फ्रीगंज में दुकानों पर भीड़ लगी रही, यहां उन्हें नियमों का पालन करवाने वाला वाला कोई कर्मचारी नजर नहीं आया।

चौराहा वही, सिर्फ पुलिस ड्यूटी बदली, पहले रोक रही थी, अब सिग्नल से आगे बढ़ो का संदेश

मं गलवार से शहर अनलॉक होते ही ट्रैफिक के सिग्नलों ने भी काम करना शुरू कर दिया। रुको, थोड़ा ठहरो और आगे बढ़ जाओ की तर्ज पर लोग निकल पड़े। लोगों को रोकने-टोकने वाली पुलिस ने सिग्नल पर फिर से यातायात का पालन कराना शुरू कर दिया है। सभी थानों की पेट्रोलिंग पार्टी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने निकल पड़ी।

पुलिसकर्मियों ने साउंड सिस्टम के माध्यम से लोगों को कहा कि अनलॉक हुआ है कोराेना नहीं गया इसलिए अब स्वयं की सावधानी ही बचाएगी। इधर चामुंडा माता चौराहा लॉकडाउन में पूरी तरह बंद रहा। इस चौराहा पर पुलिस 24 घंटे तैनात रही। तब एक ही काम था बेरिकेड्स बंधे हैं और लोगों को वापस लौटाना है, अब भी पुलिस है लेकिन मंगलवार से तरीका बदल गया।

चखा पोहे का स्वाद : अनलॉक होते ही इस मार्ग का रेस्टोरेंट खुला तो नाश्ते के शौकिन लोग पोहे-जलेबी का स्वाद चखने से खुद काे नहीं रोक पाए। दुकान पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठे लोग नाश्ता कर रहे थे। सैलून की दुकानों पर भी दाढ़ी-कटिंग के लिए ग्राहक पहुंचे।

दुकान की सफाई में जुटे संचालक

सुबह दुकानदारों ने महीनों से जमी धूल झाड़ कर पहले सफाई की। इसके बाद व्यवसाय की शुरुआत की। खरीदारी के लिए ग्राहक भी पहुंचे। धार्मिक स्थलों में प्रवेश अभी बंद है। मंगलवार को गोपाल मंदिर क्षेत्र में चहल-पहल शुरू हुई तो एक वृद्ध ने भगवान द्वारकाधीश की चौखट से ही उन्हें प्रणाम कर अनलॉक के लिए धन्यवाद दिया।

थोक व खेरची दुकानों पर भीड़ लेकिन कारोबार लिमिटेड, कपड़ा मार्केट में ग्राहक हुए परेशान

दौ लतगंज थोक किराना बाजार और शहर में खेरची दुकानों पर भीड़ रही लेकिन कारोबार लिमिटेड ही रहा। लॉकडाउन खुलने से लोग खरीदी के बहाने ही शहर घूम आए। हालांकि यह भीड़ पुराने शहर के इलाकों में ज्यादा थी। फ्रीगंज क्षेत्र में आवाजाही सीमित रही। किराना व्यापारियों का कहना है कि महीने की शुरुआत है।

न मंडी खुली है और न वेतन का पैसा आया है। इसलिए लोग केवल जरूरत का सामान ही लेने आए। थोक विक्रेता जेपी राठी का कहना है कि 5 जून को शादी का मुहूर्त है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भी ज्यादा शादियां नहीं है। नहीं के बराबर है। इसलिए किराना बाजार में कोई बड़ी डिमांड नहीं निकल रही।

संजय अग्रवाल कहते हैं कि अनलॉक का पहला दिन है। गांव भी शहर के साथ ही खुले हैं। इसलिए शहरी ग्राहकी तो सामान्य ही रही। ग्रामीण की आने वाले दिनों में दिखाई देगी। गली-मोहल्लों की खेरची किराना दुकानें दिनभर खुली रहीं। ग्राहकों की आवाजाही बनी रही। गली मोहल्लों में पट्‌टी का पालन नहीं हुआ। कार्नर की दुकानों दोनों तरफ से खुली रहीं।

एक साइड खोलने से बढ़ेगी भीड़

वीडी क्लॉथ मार्केट के व्यापारी महेश पलोड बताते हैं कि एक पट्‌टी बंद होने से मंगलवार को जो ग्राहक आए वे इसलिए परेशान थे कि वे शर्टिंग-सूटिंग के साथ साड़ी का सौदा नहीं कर सके। क्योंकि शर्टिंग-सूटिंग की दुकान खुली थी तो साड़ी की बंद थी। यानी ग्राहक दो दिन बाजार में आएगा। इससे भीड़ बनी ही रहेगी।

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