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सब्जियों के कचरे से बनेगी बिजली, जल्द ही लगेगा बायोगैस प्लांट
उज्जैन | मक्सीरोड सब्जी मंडी में निकलने वाले सब्जियों के कचरे से जल्दी ही बिजली बनने लगेगी। यहां 12 टन प्रतिदिन उत्पादन का प्लांट लगाने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी एजेंसी नियुक्त करने जा रही है। इसके लिए 13 दिसंबर को टेंडर डाले जाएंगे। प्लांट लग जाने से कचरे का निपटान होने के साथ मंडी की बिजली व्यवस्था भी इसी से जुड़ जाएगी।
स्वच्छता मिशन के तहत स्मार्ट सिटी कंपनी ने सब्जी मंडियों के कचरे का वहीं पर निपटान करने के लिए योजना बनाई है। इसके तहत मंडियों में ही प्लांट लगाए जाएंगे। इससे कचरा निपटान के साथ कचरे के परिवहन पर खर्च होने वाली राशि की बचत होगी। कचरे से बिजली, खाद का उत्पादन होने से आय भी होगी। स्मार्ट सिटी कंपनी ने पहले चरण में मक्सीरोड सब्जी मंडी को लिया है। इस मंडी में बॉयो गैस प्लांट लगाया जाएगा। इसकी क्षमता 12 टन प्रतिदिन होगी। इसके लिए 13 दिसंबर को टेंडर डाले जाएंगे। जिस एजेंसी को यह काम मिलेगा, उसे प्लांट संचालन के साथ मेंटेनेंस भी करना होगा। प्लांट की लागत 1.5 करोड़ रु. आने की संभावना है। यह राशि एजेंसी खर्च करेगी। कंपनी के सीईओ अवधेश शर्मा के अनुसार टेंडर प्रक्रिया चल रही है। मंडियों का कचरा वहीं निपटान होगा, जिससे गंदगी नहीं रहेगी। प्लांट में बॉयो गैस से बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसी की बिजली से मंडी की दुकानेें रोशन होंगी। अतिरिक्त बिजली को एजेंसी दूसरे को सप्लाई कर सकेगी।
होटलों में भी प्लांट की योजना
बड़े होटलों से निकलने वाले कचरे के निपटान के लिए होटल संचालकों को भी अपने यहां प्लांट लगाने के लिए कहा गया है। उन्हें जानकारी दी जा चुकी है। होटलों में बची खाद्य सामग्री आदि से खाद बनाया जा सकता है।
रोज निकलता है एक टन कचरा
कचरा उठाने वाली नगर निगम की एजेंसी के मुकेश जानी के अनुसार मंडी में करीब 350 दुकानें लगती हैं। मंडी से एक दिन में करीब एक टन कचरा निकलता है। शहर में फ्रीगंज, छत्रीचौक व दौलतगंज में भी मंडियां हैं। इसके अलावा कृषि उपज मंडी में भी फल एवं सब्जी मंडी अलग है। इनका कचरा भी निकलता है।