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सांसद बोले- जीएसटी प्रसव पीड़ा के समान, किसानों ने की संशोधन की मांग
कृषि उपज मंडी परिसर स्थित गणेश मंदिर में रविवार शाम अन्नकूट व व्यापारी मिलन समारोह रखा गया। अनाज तिलहन व्यवसायी संघ की अगुवाई में हुए आयोजन में मंडी व्यापारी, मंडी समिति संचालक और किसान शामिल हुए। इसमें व्यापारियों ने मंच से समस्याएं भी बताई। जीएसटी लागू होने के बाद पहली बार व्यापारियों ने खुले मंच से इसके खिलाफ अपने मन की बात कही। उन्होंने सांसद, ऊर्जा मंत्री और विधायक से इसमें संशोधन की मांग की। इसके पहले श्रीगणेश मंदिर में लगाए 56 भोग की आरती विधायक डॉ. मोहन यादव व व्यापारियों ने की। मंदिर के बाहर आतिशबाजी भी की गई। इसमें बड़ी संख्या में व्यापारियों ने भागीदारी की।
अन्नकूट व दीपावली मिलन समारोह को संबोधित करते सांसद प्रो. मालवीय व मंचासीन मंत्री जैन, विधायक डॉ. यादव व अन्य।
बिना लेन-देन दे रहे टैक्स
जीएसटी दु:खदायी है। इससे व्यापार चौपट हो गया है। बिना लेन-देन के व्यापारियों को हजारों रुपए का टैक्स देना पड़ रहा है। ऐसा आखिर कब तक चलेगा। सरकार हमेें राहत दें या हमें विरोध की अनुमति प्रदान करें। सीजन में मंडी में कारोबार ठप है। दिलीप गुप्ता, संघ अध्यक्ष
लगातार करवा रहे संशाेधन
जीएसटी को प्रसव पीड़ा के समान है। यह पीड़ा दुनिया की सबसे खतरनाक पीड़ा है लेकिन उसके बाद जो होता है, वह जीवन भर सुख देता है। अाप भी थोड़ा धैर्य रखें, जो होगा अच्छा होगा। केंद्र सरकार इसमें लगातार संशोधन कर रही है। प्रो.चिंतामणि मालवीय सांसद
राहत के पल का इंतजार है
सांसद प्रो. मालवीय की प्रसव पीड़ा वाली बात का समर्थन करते हैं लेकिन इस बार प्रसव पीड़ा लंबी खींच गई है। अब तक पीड़ा ही झेल रहे हैं। सरकार संशोधन कर रही है। हमें उस पल का इंतजार है जब व्यापार में भी राहत मिले। पारस जैन, ऊर्जा मंत्री