साहब का टारगेट 300 चालान बनाने का

शहरभर में वाहन चालकों को ट्रैफिक पुलिस का खौफ

सुबह से शिकार की तलाश में जुट जाती है टै्रफिक पुलिस

बुधवार सुबह से ही शहर में ट्रैफिक पुलिस सक्रिय दिखाई दी। एक ओर जहां जगह-जगह चौराहों पर मैजिक, ऑटो व अन्य लोडिंग वाहनों के चालान बनाए जा रहे थे, वहीं दूसरी और शहर के प्रमुख बाजारों में लोग ट्रैफिक जाम से परेशान होते दिखाई दिए।

सूत्रों की मानें तो हर पॉइंट पर 20-20 यानी कुल 300 चालान का टारगेट ट्रैफिक जवानों को दिया गया है। हालात यह है कि इस टारगेट को पूरा करने के लिए टीआई, इंस्पेक्टरों सहित जवानों को आदेश मिले थे।

पॉइंट पर ड्यूटी कर रहे इंस्पेक्टरों का कहना कहना है कि यह कार्रवाई है। इसे हर हाल में पूरा करना है, इसलिए वाहन चालकों के खिलाफ करवाई जारी है। दूसरी तरफ कुछ यातायात पुलिस जवान इसे टारगेट ही मानते हैं। उनका कहना है कि यह टारगेट नहीं तो और क्या है।

यह बात खुद यातायात पुलिस विभाग के जवानों ने कहीं। दरअसल, टारगेट पूरा करने की भारी जिम्मेदारी इन्हें ही निभानी पड़ रही है। हालांकि यह बात और है कि इसका कोई लिखित आदेश नहीं है। यातायात पुलिस भले ही अपने टारगेट को पूरा करने में जुट जाती है लेकिन उधर शहर के टै्रफिक व्यवस्था को संभालने वाला कोई नहीं रहता। पुराने शहर में सबसे ज्यादा खराब स्थिति रहती।

कार्यवाई के दौरान एक गांव से आने वाले दोपहिया वाहन चालक मोहनसिंह ने हाथ जोड़कर प्रार्थना की कि साहब में दवाई लेने आया हूं। मेरे पास 500 रुपए ही है, यही आपको दे दूंगा तो दवाई कैसे ले जाऊंगा। आप तो मेरी गाड़ी रख लो और जहर की पुडिय़ा दे दो।

एक मैजिक चालक के सामने अचानक जवान आ कर खड़े हो गया, और बोला गाड़ी से उतरो मैडम बुला रही है। मैजिक चालक हाथ जोड़कर मैडम से बोला साहब आज ही गैरेज से गाड़ी निकली है, एक महीने से खराब थी। दिनभर में 200 रुपए का ही धंधा हुआ है और आप ही ऐसे ले लोगे तो गाड़ी और घर खर्च कैसे निकलेंगे। हमारा तो सड़क पर निकलना ही अब दुर्लभ हो गया है।

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