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सिंहस्थ के घोटाले की जांच प्रभावित करने की आशंका
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पीएचई के स्टोर विभाग को नोटिस भेजा है। इसमें पानी की टंकियां व स्टैंड जहां हैं, जैसे हैं, उन्हें वैसे ही सुरक्षित रखने की बात लिखी है। सिंहस्थ 2016 में हुए पीएचई टंकी घोटाले की जांच अंतिम चरण में चल रही है। ईओडब्ल्यू को शिकायत मिली थी कि टंकियों व उनके स्टैंड को किसी अन्य स्थान पर भेजने की तैयारी की जा रही है। ईओडब्ल्यू के उपनिरीक्षक अनिल शुक्ला के अनुसार पीएचई के ईई के नाम यह पत्र जारी किया है। इसमें उनसे कहा है जांच टंकी से जुड़ी हुई है। टंकियों या उनके स्टैंड से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। सिंहस्थ में 300 टंकियां खरीदी, जिनमें अलग-अलग टेंडर किए थे।
ईओडब्ल्यू का पीएचई को नोटिस, कहा- टंकियों और स्टैंड से छेड़छाड़ नहीं करें
पीएचई के स्टोर विभाग में चस्पा किया पत्र
ईओडब्ल्यू ने पीएचई के कार्यपालन यंत्री के नाम पत्र लिखा है। इसे गऊघाट के केंद्रीय स्टोर विभाग पर भी चस्पा किया है। पत्र में लिखा है-
अार्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन प्रारंभिक जांच क्र. 14/19 की जांच कर रहा है। संबंधित जांच में यह तथ्य आया है कि आपके द्वारा केंद्रीय भंडार गृह गऊघाट में रखी दो हजार लीटर क्षमता वाले पीवीसी टैंक और एमएस स्टैंड को अन्यत्र हटाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि पूर्व में बताया गया है कि जांच पूरी होने तक टंकियां व स्टैंड सुरक्षित रखे जाएं। पहले से रखे सामान को आज तक उपयोग करने की जरूरत महसूस नहीं हुई फिर सत्यापन कार्रवाई के दौरान टंकियाें व स्टैंड को अन्यत्र भेजने की कार्रवाई क्यों की जा रही है, यह समझ से परे है। फिर भी इस तरह का कृत्य होने से प्रतीत होता है कि आपके द्वारा जांच के तथ्य प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। सहायक यंत्री अतुलकुमार तिवारी का भी इस तरह के काम में संलग्न होना प्रतीत होता है। अत: आपसे अनुरोध है कि केंद्रीय भंडार गृह गऊघाट में इस प्रकरण से संबंधित टंकियां व स्टैंड सत्यापन एवं जांच पूरी होने तक सुरक्षित रखने का कष्ट करें। सत्यापन पूरा होने के पहले टंकियों व स्टैंडों को सुरक्षित रखने के लिए विभाग प्रमुख होने के कारण समस्त जिम्मेदारी आपकी है।
गऊघाट स्टोर रूम परिसर में रखी टंकियां।
12 करोड़ के सामान के घोटाले की आशंका
2016 में सिंहस्थ के दौरान हुए घोटाले में सरकार ने कार्रवाई के लिए जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी है। 12 करोड़ रुपए की पानी की टंकी खरीदी व दूसरे कार्यों से जुड़े कथित भ्रष्टाचार का मामला है। इसके लिए वर्तमान झाबुआ सांसद और पीएचई के तत्कालीन प्रमुख अभियंता (सीई) जीएस डामोर को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। आरोप है कि एक ही सामान की खरीदी के लिए एक ही समय में न सिर्फ 3-3 टेंडर निकाले गए बल्कि अलग-अलग दरों से भुगतान भी किया। सिंहस्थ में पीएचई ने लगभग 12 करोड़ की पानी की टंकी खरीदी थी। इंदौर के एक ठेकेदार ने ईओडब्ल्यू को शिकायत की थी।