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सीवरेज लाइन:750 मीटर लंबी टनल बनेगी, पहली बार जापानी मशीन से जमीन के भीतर 40 फीट नीचे खुदाई
शहर का जल-मल ट्रीटमेंट प्लांट सुरासा तक ले जाने वाली सीवरेज मैन ट्रंक पाइप लाइन डालने के लिए प्रदेश में अमृत मिशन 1.0 में पहली बार जापानी टनल बोरिंग पद्धति का प्रयोग किया जाएगा। मैन ट्रंक के अंतिम छोर की विक्रांत भैरव से काल भैरव होते हुए 750 मीटर की पाइप लाइन डाली जाएगी। पाइप लाइन डालने के लिए जापान की टनल बोरिंग पद्धति का उपयोग होगा।
यहां 1600 मिमी व्यास की पाइप लाइन डलेगी। यह पाइप इतने बड़े होंगे कि इसमें हम आसानी से चहल-कदमी कर सकते हैं। शेष अन्य क्षेत्र कार्तिक मेला क्षेत्र, सोमतीर्थ, रणजीत हनुमान, मोजमखेड़ी भैरवगढ़ जेल के पीछे व मंगलनाथ के समीप तक पाइप लाइन डालने के लिए विस्फोटक का उपयोग किया जाएगा। जमीन में कठोर चट्टान आने से विस्फोटक लगाकर खुदाई होगी। विस्फोटक और टनल मशीन का उपयोग इसलिए किया जा रहा है, ताकि इस प्रोजेक्ट को मार्च 2023 तक पूरा किया जा सके।
413 किमी लंबी लाइन बिछाएंगे
कंसल्टेंट इंजीनियर विवेक राज त्रिपाठी एवं अमित पांडेय के अनुसार शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत शहरी क्षेत्र में 413 किमी लंबी पाइप लाइनें बिछाई जा रही हैं। अब तक 233 किमी पाइप लाइन डाली जा चुकी है। इन पाइप लाइनों से आने वाला जल-मल शिप्रा के किनारे डाली जा रही मैन ट्रंक लाइन में जाएगा। मैन ट्रंक लाइन 15 किमी लंबी होगी। अब तक 11.5 किमी लंबी मैन ट्रंक लाइन डाली जा चुकी है। शिप्रा के किनारे डाली जा रही मैन ट्रंक लाइन इंदौर रोड पर शनि मंदिर से कर्कराज मंदिर तक पूर्वी किनारे पर डाली है।
यहां से नदी को क्राॅस कर 180 मीटर लंबाई में नदी से 1.5 मीटर नीचे पश्चिमी किनारे भूखी माता साइड पर लाइन डाली है। शिप्रा किनारे लाइन डालने के कारण इसके रास्ते में कई मंदिर, धर्मस्थल आ रहे हैं, जिनमें प्रमुख रूप से विक्रांत भैरव और कालभैरव जैसे प्राचीन तीर्थ हैं। इन्हें बचाने के लिए प्रदेश में अमृत मिशन 1.0 में पहली बार जापान की टनल पद्धति का उपयोग होगा।
मंगलनाथ क्षेत्र से पंपिंग होगा गंदा पानी
मंगलनाथ क्षेत्र में 32 मीटर व्यास का बड़ा कुआं बनेगा, जिसमें मैन ट्रंक लाइन से आया जल-मल एकत्र होगा तथा यहां से पंपिंग कर सुरासा ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचाया जाएगा। यहां गंदे पानी को साफ कर सिंचाई के लिए देंगे। बचे मटेरियल से खाद बनेगी।
जमीन के 11 मीटर नीचे डालेंगे पाइप लाइन
भूखी माता से दत्त अखाड़ा होकर कार्तिक मेला क्षेत्र तक पहुंचने के बाद जमीन के नीचे कठोर चट्टानें आने से ठेकेदार ने प्रशासन से विस्फोटक का उपयोग करने की अनुमति ली है। यहां सतह से 11 मीटर गहराई तक खुदाई होगी।
लालपुल के नीचे भी टनल बना लाइन डालेंगे
रेलवे के लालपुल के नीचे भी मैन ट्रंक लाइन डालने के लिए 180 मीटर लंबी टनल बनेगी। यह जमीन से 7 मीटर गहराई में बनेगी। इससे रेल लाइन व पुल को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। इसके लिए रेलवे ने अनुमति दे दी है।
शर्तों के साथ विस्फोटक उपयोग की अनुमति
प्रशासन ने विस्फोटक का उपयोग रणजीत हनुमान क्षेत्र, कालभैरव मंदिर से जेल पुल तक के लिए दी है। कार्तिक मेला, बड़ा पुल, सोमतीर्थ क्षेत्र की अनुमति एक दो दिन में जारी होगी। किसी भी तरह की क्षति की पूर्ति ठेकेदार करेगा। पीएचई ईई राजीव शुक्ला के अनुसार शर्तों का पालन करते हुए ही लाइन डालने के लिए विस्फोटक का उपयोग करना होगा।