सोयाबीन के पौधों में अफलन के बाद इल्लियों का प्रकोप किसान ने कहा- पौधों में फूल तो लगे पर फलियां नहीं आई, जड़ों में सड़न रोग

लोध गांव में सोयाबीन की प्रभावित फसल दिखाते किसान। उनका कहना है पौधे अंदर ही अंदर खोखले हो रहे हैं।

तराना तहसील के लोध गांव में किसान चिंतित हैं। उनकी चिंता का कारण सोयाबीन की फसल है, जो लगातार प्रभावित हो रही है। पंद्रह दिन पहले जिन खेतों को देखकर उनके चेहरे खिल उठते थे अब उन्हीं फसलों को बचाने के लिए वे हर संभव प्रयास में जुटे हैं। उन्होंने कृषि विभाग, प्रशासन और कृषि वैज्ञानिकों से मदद मांगी है।

सोयाबीन की फसल में अफलन के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा इल्लियाें का हमला भी हो रहा है। इससे फलियांं या तो लग ही नहीं रही हैं या लगी हैं तो मुरझा रही हैं। उनमें रोग प्रतिरोधी क्षमता लगातार कम हो रही है। गांव के सरपंच संतोष चौधरी का कहना है गांव के 100 से अधिक किसानों की फसल में फलियां ही नही आई हैं। कुछ किसानों की फसल में फलियां आई मगर उम्मीद से बहुत कम। अब वे भी मुरझाने लगी हैं। कृषि विभाग के साथ कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी खेतों में पहुंचने लगे हैं। उनका कहना है कि जिन क्षेत्रों से किसानों की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं वहां पर मौका मुआयना के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में यह तो नहीं कहा जा सकता कि कितना नुकसान हुआ है लेकिन पहली नजर में देखें तो फसलें प्रभावित जरूर हुई हैं। इसका कोई एक कारण नहीं है लेकिन अब तक जहां से सबसे ज्यादा शिकायतें आई हैं, वहां निरीक्षण करने पर पाया कि उन क्षेत्रों में िपछले साल की तुलना में ज्यादा बारिश हुई है। ऐसे में कई क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति बनने से भी पौधों की जड़ें सड़ने लगी हैं। किसान कमलसिंह सिसौदिया ने बताया कि इस वक्त सोयाबीन के हर पौधे पर बड़ी संख्या में फलियां आना थी लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। फलियां आएंगी या नहीं यह भी नहीं कहा जा सकता। इसी तरह घटि्टया और महिदपुर में भी सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा है। किसानों ने कृषि विभाग के साथ प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द ही सर्वे करवाकर राहत राशि दी जाए।

इन गांवों में ज्यादा परेशानी

तराना : नांदेड़, छोटी तलवाद, देवली, खामली, रूपा खेड़ी, डेलची, पचोला, खेड़ा, नयाखेड़ा, टुकरायल, धुआंखेड़ी, खांखरी, कचनारिया, बड़ी तिलवाद।

घटि्टया : इसाकपुर, निपानिया गोयल, पिपलई, रूदाहेड़ा, खेड़ाचित्तावलिया, नजरपुर, गुनई खालसा, जंबोरा, ताजपुर, देवनखेड़ी, बड़ोदिया।

महिदपुर : सेमल्या, पिपल्याधूमा, लाखाखेड़ी, इंदौख, खेड़ाखजुरिया, महूड़ी, जगोटी, बिलखेड़ा, झारड़ा।

ज्यादा बारिश होने से तराना, घटि्टया और महिदपुर क्षेत्र की सोयाबीन फसलों पर मंडराए संकट के बादल, जलजमाव वाली जमीन में पौधे गले

जहां से भी शिकायतें मिल रही हैं, अमले को भेज रहे

डीडीए सीएल केवड़ा ने बताया जहां से भी किसानों की शिकायतें मिल रही हैं वहां के कृषि विस्तार अधिकारी को सर्वे के निर्देश दिए हैं। फसलों में िकतना नुकसान हुआ है इसका आंकलन क्रॉप कटिंग के बाद ही किया जा सकेगा। किसानों से अाग्रह किया है कि वे कीटनाशक खरीदते समय पक्का बिल लें ताकि बाद में किसी भी शिकायत पर कार्रवाई की जा सके।

ज्यादा बारिश से बने हालात कीटनाशक से बचें किसान

कृषि वैज्ञानिकों ने कहा-जिन क्षेत्रों में किसानों की शिकायतें ज्यादा आई, वहां मौका मुआयना किया है, कुछ किस्मों पर फलियांं नहीं लगेंगी जबकि कुछ में दवाई का स्प्रे करने से लाभ हो सकता है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक केविके आरपी शर्मा ने बताया घटि्टया, तराना, महिदपुर के गांवों में साेयाबीन का जायजा लिया है। पहली नजर में अफलन का कारण उन क्षेत्रों में ज्यादा बारिश कह सकते हैं। कुछ किस्में ऐसी हैं जिनमें फलियां दोबारा आ सकती हैं लेकिन कुछ किस्में ऐसी भी हैं जिनमें दोबारा फलियां आने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में किसानों को हर कोई कीटनाशक का स्प्रे करने से बचना चाहिए।

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