- महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए बड़ा कदम, हटाए गए 257 मकान; महाकाल लोक के लिए सवा दो हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
स्नेह सम्मेलन : छात्राओं के साथ प्रोफेसर ने भी लगाए ठुमके, वीडियो वायरल
उज्जैन | कालिदास कॉलेज के स्नेह सम्मेलन के मंच पर प्रोफेसरों ने छात्राओं के साथ जमकर ठुमके लगाए। फिल्मी गानों की धुन पर प्रोफेसर, अतिथि विद्वान ने छात्राओं के साथ डांस किया। इस डांस का वीडियो किसी कर्मचारी ने बना लिया, जो अब विद्यार्थियों के ग्रुप पर वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होने पर छात्र संगठन से जुड़े विद्यार्थी तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी के साथ उक्त प्रकरण की विभाग स्तर पर शिकायत भी कर डाली है।
कालिदास कॉलेज में फरवरी में तीन दिवसीय स्नेह सम्मेलन हुआ। कॉलेज छात्रसंघ के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में भाजपा नेता से लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता मौजूद रहे। इसी कार्यक्रम में मंच पर छात्राओं के साथ प्रोफेसरों ने ठुमके लगाए। कार्यक्रम के खत्म होने के साथ ही परीक्षा का दौर शुरू हो गया, लेकिन कार्यक्रम के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। कुछ समय तक यह वीडियो कॉलेज से जुड़े लोगों के पास रहे, लेकिन अब अन्य कॉलेज के स्टॉफ व छात्र संगठनों तक पहुंच गए। साथ ही वीडियो के आधार पर शिकायत भी हो गई। वीडियो में दिखाई दे रहे राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर अनिल दीक्षित का कहना है कि नृत्य में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। राजनीति से जुड़े कुछ लोगों ने वीडियो के आधार पर राजनीति शुरू कर दी है।
गाने का कुछ लोग कर रहे विरोध, तो कुछ बता रहे सामान्य
वीडियो में प्रोफेसर के डांस पर कुछ लोग सामान्य बता रहे हैं, लेकिन ज्यादातर लोग गाने का विरोध कर रहे हैं। वीडियो में रंग बरसे चुनर वाली गाने पर डांस हो रहा है। इस गाने में कुछ बोल कॉलेज मंच की दृष्टि से उचित नहीं है। इसी आधार पर विरोध किया जा रहा है। इसी के साथ प्रोफेसर और छात्राओं का साथ में नाचना भी विरोध का कारण बन गया है। एनएसयूआई पदाधिकारी रंचित व्यास का कहना है कि नृत्य परंपरा हो सकती है, लेकिन वीडियो में जिस तरह का डांस हो रहा है। इसमें भारत की नहीं, आयोजकों की परंपरा नजर आ रही है।