स्वच्छ सर्वेक्षण की पहली रिपोर्ट:6 लाख की आबादी वाले शहर में से ढाई लाख ने दिया फीडबैक, जानें कैसे उज्जैन बना नंबर वन

स्वच्छ सर्वेक्षण के रिजल्ट आने से पहले उज्जैन के लिए बड़ी खुश खबरी है। 10 लाख तक की आबादी वाले शहर में उज्जैन सिटीजन फीडबैक कैटेगरी में नंबर वन बन गया है। बुधवार को आवास एवं शहरी मंत्रालय ने यह रिपोर्ट जारी की, जिसमें उज्जैन नंबर वन शहर बना। उम्मीद की जा सकती है कि स्वच्छता सर्वेक्षण की अन्य कैटेगरी में भी उज्जैन ऐसा ही परफार्म करे। कारण भी साफ है।

स्वच्छ सर्वेक्षण की इस बार की थीम वेस्ट टू वेल्थ रखी गई है। मतलब कचरे से कमाई। इस क्षेत्र में हमने काम करना सीख लिया है। भले ही कचरे से खाद बनाना हो या फिर फूड वेस्ट से बिजली, खराब कपड़ों से फाइल के गत्ते बन रहे हैं तो मंदिरों से निकलने वाले फूलों से अगरबत्ती। यही नहीं, इन्हें बेचकर कमाई भी की जा रही है।

वहीं फीडबैक में नंबर वन लाने के पीछे आयुक्त रोशनकुमार सिंह ने विशेष रणनीति के तहत काम किया, जिसमें अहम था। स्वच्छता के काम ऐसे किए जाएं जो जनता को दिखे। इसके लिए अलग टीम का गठन किया, जिसका नोडल अधिकारी अपर आयुक्त को बनाया। निगम ने 8 अलग तरह के प्रयोग किए, जो जनता की आंखों के सामने हैं। इसके बाद फीडबैक का समय आया तो जनता ने उन्हें ध्यान रख फीडबैक देना शुरू किया तो शहर की आधी आबादी ने फीडबैक दे इस कैटेगरी में नंबर वन बना दिया।

ये प्रयोग किए… जिससे उज्जैन बना नंबर वन

स्वच्छ बैकलेन- घरों के पीछे ऐसी गलियां, जहां लोग गंदगी फेंकते थे। हर वार्ड में उन्हें साफ किया और स्वच्छता का संदेश देते स्लोगन लिखे। रखरखाव जनप्रतिनिधियों की सहायता से मोहल्ला समितियों एवं नागरिक समूहों द्वारा किया जा रहा है।

प्लास्टिक फ्री चौपाटी- सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंध को लागू करते हुए तीन सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री चौपटियां बनाई गईं। यह चौपाटियां टॉवर चौराहा, तरणताल एवं मंगलनाथ मार्ग पर बनाई। दुकानदारों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के स्थान पर वैकल्पिक समाधानों जैसे कपड़े के झोले, लिफाफे आदि का उपयोग शुरू करवाया।

वेस्ट टू वंडर पार्क- वार्ड 51 के प्रियदर्शिनी उद्यान को 4-आर पार्क के रूप में विकसित किया है, जिसमें अपशिष्ट सामग्री से तैयार किए आर्टी फैक्ट्स, गमले इत्यादि लगाए गए हैं। अलग-अलग पाइंट पर वेस्ट से ऐसी कलाकृतियां बनाई गई, जिसे सेल्फी पाइंट बनाया गया। 6 आरआरआर केंद्र स्थापित किए गए हैं।

एसटीपी से शोधित जल का पुनः उपयोग- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से शोधित जल का उपयोग घाटों की धुलाई, शौचालयों की सफाई, फायर ब्रिगेड, उद्यानों एवं रोटरियों की सिंचाई में किया जा रहा है। मतलब गंदे पानी को साफ कर उपयोग में ला रहे हैं।

महापौर, अध्यक्ष व आयुक्त ने जनता की जीत बताया

सिटीजन फीडबैक रैंकिंग में नंबर वन आने पर महापौर मुकेश टटवाल, निगम अध्यक्ष कलावती यादव, निगमायुक्त रोशनकुमार सिंह और सिटीजन फीडबैक के नोडल अधिकारी व अपर आयुक्त आदित्य नागर ने इसे शहरवासियों की जीत बताया। उन्होंने कहा कि सिटीजन फीडबैक में जनता की भागीदारी अहम है। हमने ऐसे प्लान के तहत काम किया कि जो शहरवासियों में स्वच्छ छवि बना सके। वैसा हुआ और जनता भी यह काम देखकर ही फीडबैक दिया। सूची आने के बाद महापौर, अध्यक्ष सहित सभी पार्षदों ने महाकाल दर्शन किए और धन्यवाद दिया।

प्रदेश ही नहीं देश में नंबर वन है उज्जैन

10 लाख आबादी वाले शहरों में उज्जैन नंबर वन बना है। यह शहरवासियों के प्रयास से संभव हो पाया है। हम प्रदेश ही नहीं देश में भी नंबर वन बने हैं। निश्चित है कि इसका असर स्वच्छता सर्वेक्षण की अन्य कैटेगरी में भी देखने को मिलेगा। वैसे भी इस बार की थीम वेस्ट टू वेल्थ है, जिसमें हम कई चीजों में बेहतर परिणाम के साथ काम कर रहे हैं।

– रोशनकुमार सिंह, आयुक्त, नगर निगम

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