हम अलर्ट नहीं हुए तो आ सकती है तीसरी लहर:5 दिन में 8 जिलों में फिर संक्रमण

नलॉक में मार्केट में भीड़ बढ़ने से दूसरी लहर जैसे हालात पड़ोसी जिले सहित दूसरे जिलों में बनने लगे हैं, जिससे उज्जैन की भी चिंता बढ़ी है। यहां भले ही अभी जीरो मरीज हैं लेकिन मार्केट में बढ़ती भीड़ और कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं होने से संक्रमण का खतरा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

पड़ोसी जिलों में हर दिन पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे हैं। 8 जिलों में पांच दिनों में ही 203 संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। इसकी शुरुआत 29 जून से हुई, इस दिन 33 मरीज पॉजिटिव पाए गए। उसके बाद शनिवार को कुल मरीजों का आंकड़ा 49 तक पहुंच गया। यानी मरीजों के बढ़ने का क्रम दूसरी लहर जैसा ही है। ऐसे मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। संक्रमण की दर कम होने और एक्टिव केस शून्य होने के बावजूद इंदौर, भोपाल, जबलपुर, रतलाम व बैतूल, रायसेन, राजगढ़ व दमोह में एक्टिव केस की संख्या 10 से 100 तक बनी हुई है।

ये पहली लहर केे बाद जैसे ही हालात थे
पहली लहर के बाद दूसरी लहर के समय भी ऐसा ही हुआ था और रक्षाबंधन आते-आते गंभीर स्थिति हो गई थी। शनिवार को भोपाल में 12, इंदौर में 9, जबलपुर में 5, बैतूल में 4, राजगढ़ में 3, मुरैना में 3, नीमच में 2 और रतलाम, खरगौन, सतना, विदिशा, होशंगाबाद, उमरिया व गुना तथा हरदा में एक-एक मरीज पाए गए हैं। संक्रमित मरीज रिपोर्ट आने तक अन्य लोगों के संपर्क में बने रहे। ऐसे में दूसरे लोगों के भी संक्रमित होने की आशंका है।

शून्य का सुकून है लेकिन खतरा टला नहीं
उज्जैन में पिछले सात दिनों से नए मरीज जीरो पाए गए हैं और एक्टिव मरीज भी जीरो हैं। मौत का आंकड़ा भी 171 पर बना हुआ है। कोविड हॉस्पिटल में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। उज्जैन भी पहली लहर में शून्य तक पहुंचा था और उसके बाद मार्च-2021 में फिर से संक्रमण बढ़ने लगा था जो कि अप्रैल में तेजी से बढ़ते हुए 6668 मरीज, मई में 5826 और जून में कुल 151 मरीज संक्रमित पाए गए। ऐसे में दूसरी लहर की शुरुआत जैसी स्थिति फिर से बनने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।

नोडल अिधकारी बोले- बाजार की भीड़ डराने वाली
कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. एचपी सोनानिया का कहना है कि मार्केट में लोगों को भीड़ लगाए देखा जा सकता है, लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। मास्क भी ठीक से नहीं लगा रहे हैं। बाहर के लोगों को भी यहां पर आना-जाना शुरू हो गया है, ऐसे में संक्रमण का खतरा हो सकता है।

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