हिमोडायलसीस यूनिट गरीबों के लिए बनी वरदान, कई मरीज ले रहें सुविधा का लाभ

विगत तीन वर्षो से आने-जाने की परेशानीयों को सहन करते हुए लगभग ढेड़ लाख रूपया डायलसीस पर खर्च कर चुके 50 वर्षीय आगर नाका निवासी जनार्दन मुल्तानी को जब यह पता चला की उज्जैन में जिला अस्पताल में सभी के लिए डायलसीस सुविधा उपलब्ध गई है, तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा । उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन डायलसीस पेशेंट के रूप मे करवाया। पहले उन्हें डायलसीस करवाने के लिए इंदौर स्थित अरविंदो कालेज जाना पड़ता था । जिसमे प्रत्येक बार 900 रूपये के मान से प्रायवेट अस्पताल में शुल्क अदा करना पड़ता था। जिला चिकित्सालय में स्थित डायलसीस मशीन के कारण उनके समय एवं पैसे की काफी बचत हो रही है। साथ ही ज्यादा समस्या होने पर वह तुरन्त जिला चिकित्सालय भी आ सकते है। सप्ताह में दो बार डायलसीस करवाने पर जनार्दन को डायलसीस पर 3200 रूपये की प्रतिमाह बचत हो रही है। साथ ही आने जाने का किराया भी अलग बचता है।

इसी तरह ग्राम चंदेसरी जिला उज्जैन निवासी 25 वर्षीय श्रीमती ललीता कुशवाह पति विक्रम कुशवाह को ब्लड प्रेशर के कारण किडनी की समस्या के चलते इंदौर में विगत दो माह से डायलसीस पर प्रति सप्ताह 1500 रूपये खर्च करना पड़ रहा था । उज्जैन में बीपीएल कार्ड धारी को निशुल्क डायलसीस सुविधा जिला चिकित्सालय उज्जैन में उपलब्ध हो जाने पर वे सप्ताह मे दो बार निशुल्क डायलसीस सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे है। इन्ही की तरह 52 वर्षीय बहादुर सिंह ग्राम नवेली तहसील घट्टिया जिला उज्जैन तथा 60 वर्षीय सुलोचना गेहलोत निवासी उर्दूपुरा उज्जैन को भी इस डायलसीस इकाई के माध्यम से निशुल्क इलाज प्राप्त हो रहा है। शासन द्वारा चलाई जा रही इस सुविधा से जहां गरीब लोंगो का राहत महसूस हुई है वहीं नर्सिंग स्टाफ द्वारा किये जा रहे मधुर व्यवहार से वे अपनी शारीरिक परेशानियो का भूल से गये है।

उल्लेखनीय है कि बीपीएल कार्ड धारी केा नि:शुल्क डायलीसीस सुविधा तथा एपीएल कार्ड धारी को रियायती दर 500 रूपये प्रति डायलिसिस लिया जाता है। यह राशि प्रायवेट में ली जाने वाली राशि से काफी कम है।

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