- एडीएम अनुकूल जैन बने महाकाल मंदिर प्रशासक, पहले भी संभाल चुके हैं जिम्मेदारी; शासन का आदेश आने तक देखेंगे कार्य ...
- भस्म आरती: महाकालेश्वर मंदिर में जयकारों के बीच हुई बाबा महाकाल की दिव्य भस्म आरती, राजा स्वरूप में किया गया भगवान का दिव्य श्रृंगार!
- प्रयागराज कुंभ के लिए मुख्यमंत्री को मिला विशेष आमंत्रण! हरिद्वार से आए निरंजनी अखाड़ा प्रमुख ने मुख्यमंत्री यादव से की भेंट, उज्जैन में साधु-संतों के लिए भूमि आवंटन निर्णय को स्वामी कैलाशानंद ने बताया प्रशंसनीय
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग-चंदन और रजत मुकुट के साथ सजे बाबा महाकाल, भक्तों ने किए अद्भुत दर्शन
- महाकाल के दर पर पहुंचे बी प्राक, भस्म आरती में शामिल होकर लिया आशीर्वाद; करीब दो घंटे तक भगवान महाकाल की भक्ति में दिखे लीन, मंगलनाथ मंदिर में भी की पूजा
17 महीने बाद भस्मारती में शामिल हुए श्रद्धालु
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रसिद्ध श्री महाकलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 17 महीने बाद शनिवार सुबह से भस्मारती में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिलना शुरू हो गया। पहले दिन 696 श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी गई। किसी भी श्रद्धालु को नंदी हॉल व गर्भ गृह में प्रवेश नहीं दिया गया था। गणेश मंडपम् और कार्तिकेय मंडपम् से ही श्रद्धालु भस्मारती में शामिल हुए l
पहले दिन दिल्ली, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने महाकाल से सुख-समृद्धि मांगी और कोविड से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। कोविड-19 गाइडलाइन के चलते मंदिर में भस्मारती के दौरान श्रद्धालुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया था।\
बैठने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रख सके श्रद्धालु
सुबह 4 बजे मंदिर के पट खोलने के बाद श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 से आम श्रद्धालु और गेट नंबर 5 से प्रोटोकॉल वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। सभी की अनुमति जांच करने के लिए मंदिर समिति ने प्रवेश द्वार पर ही व्यवस्था जुटाई गई थी। भक्तों के प्रवेश और बैठने पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर नहीं हो पाया और भीड़ को एक साथ छोड़ा गया, जिससे भक्त एक ही कतार में गणेश मंडपम और कार्तिकेय मंडपम तक पंहुचे थे।
श्रद्धालुओं को गर्भगृह में जल चढ़ाने की अनुमति नहीं
महाकाल मंदिर के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया 17 माह बाद शुरू हुई भस्म आरती के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह देखे लायक था। 50 प्रतिशत क्षमता के साथ श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया है। शनिवार को हुई भस्म आरती के लिए कुल 696 परमिशन दी गयी थी। किसी भी श्रद्धालु को गर्भ गृह में जाकर जल चढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई।
श्रद्धालु बोले- डेढ़ साल से इंतजार कर रहे थे, आज मनोकामना पूरी हुई
सुबह 4 बजे श्रद्धालुओं के महाकाल मंदिर में प्रवेश करते ही परिसर भगवान शिव के जयकारों से गूंजा उठा। कई भक्त शोला पहनकर भस्म आरती में शामिल हुए। श्रद्धालु आशुतोष द्विवेदी ने बताया प्रशासन की व्यवस्था बहुत अच्छी रही। बीते डेढ़ साल से इस पल का इंतजार कर रहा था। जयपुर से आए अशोक मेहता ने बताया कोरोना से पहले वर्ष में दो बार भस्म आरती में शामिल होता था, आज सब मनोकामना पूर्ण हो गई। भोपाल से आईं मोनिका गुप्ता ने बताया मंदिर प्रशासन की व्यवस्था शानदार थी, जिससे सुगमता से दर्शन हो पाए।
ऐसे हुई आरती
बाबा महाकाल को सभी पंडे-पुजारियों ने नियम अनुसार जल व दूध से अभिषेक किया। घी, शहद, शकर व दही से पंचामृत अभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद बाबा का शृंगा कर भस्म रमाई गई। करीब 1 घंटे चली भस्मारती के बाद बाबा का चंदन, फल, व वस्त्र से विशेष शृंगार किया गया था।