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5 साल की प्रेशा ने 4 मिनट 17 सेकंड में झंडे देखकर बता दिए 150 देश और उसकी राजधानी के नाम
महज 5 साल की उम्र है इस बच्ची की। यूकेजी की छात्रा है। मगर स्मरण शक्ति इतनी विलक्षण है कि हर कोई हैरान है। प्रेशा खेमानी नाम की यह बच्ची दुनिया में उज्जैन का नाम रोशन कर रही है। हाल ही में बच्ची ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया बुक में दर्ज किया है।
प्रेशा ने न्यूनतम समय के भीतर झंडे और देश के नाम को पहचानने के लिए यंगेस्ट किड्स का खिताब जीता है। उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया द्वारा सम्मानित किया है। प्रेशा ने 4 मिनट 17 सेकंड में झंडे देखकर 150 देशों के नाम उनकी राजधानी सहित बताए है। प्रेशा के पिता भरत खेमानी उज्जैन से है। प्रेशा के दादा माणिकलाल रामजीलाल का यहां घी मंडी में घी का कारोबार है। पेशे से सीए भरत छह साल से पुणे में प्रैक्टिस कर रहे हैं।
प्रेशा की मां संगीता खेमानी बताती हैं कि उन्हें भी बालपन से भूगोल और वैश्विक अध्ययन में रुचि रही है। यही गुण बेटी में विकसित होता देख उन्होंने उसे लगातार प्रोत्साहित किया। दोस्तों ने लॉकडाउन के दौरान प्रेशा को एक पुस्तक भेंट की थी। वह झंडे देखने के बाद मुझसे देशों के नाम पूछती थी और जब भी झंडे की ओर इशारा करके उससे देशों का नाम पूछा जाता था तो वह तुरंत उस देश का नाम और इस देश की राजधानी कौन सी है यह बता देती थी। फिलहाल प्रेशा पुणे के संस्कृति स्कूल में कक्षा यूकेजी की छात्रा है।
7 सप्ताह निरंतर अभ्यास, 5 ट्राॅफी जीत चुकी
संगीता बताती हैं कि प्रेशा ने निरंतर 7 सप्ताह तक अभ्यास कर 7 महाद्वीपों के देशों के झंडे और उनकी राजधानी का नाम याददाश्त में स्टोर किया। प्रत्येक सप्ताह एक महाद्वीप में शामिल देश, झंडे और राजधानी के नामों का रिवीजन किया। इस तरह यह उपलब्धि हासिल की। बचपन से ही प्रेशा को कहानियां सुनने-सुनाने, खेलकूद में भी रुचि है। वे स्कूल स्तर पर अब तक 5 ट्रॉफी जीत चुकी है।
अब आगे यह लक्ष्य
छोटी उम्र की प्रेशा का अगला लक्ष्य इससे भी बड़ा है। भास्कर से चर्चा में उसने बताया अब वे हर देश की करंसी, भाषा और उनके प्रधानमंत्री का नाम याद करने की प्रैक्टिस कर रही है। जल्द ही अभ्यास के बूते यह लक्ष्य हासिल भी करेगी।