20/84 श्री प्रतिहारेश्वर महादेव

20/84 श्री प्रतिहारेश्वर महादेव

20/84 श्री प्रतिहारेश्वर महादेव : पटनी बाजार स्थित नागचंद्रेश्वर महादेव के पास प्रतिहारेश्वर महादेव का मंदिर है। इनके दर्शन मात्र से व्यक्ति धनवान बन जाता है। एक बार महादेव उमा से विवाह के बाद सैकड़ों वर्षों तक रनिवास में रहे। देवताओं को चिंता हुई कि यदि महादेव को पुत्र हुआ तो वह तेजस्वी बालक त्रिलोक का विनाश कर देगा। ऐसे में गुरु महा तेजस्वी ने उपाय बताया कि आप सभी महादेव के पास जाकर गुहार…

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21/84 श्री कुक्कुटेश्वर महादेव

21/84 श्री कुक्कुटेश्वर महादेव

21/84 श्री कुक्कुटेश्वर महादेव : प्राचीन समय में कौषिक नाम के राजा हुआ करते थे। वे अपनी प्रजा का ध्यान रखते थे और उनके राज्य में सभी सुख सुविधायें थीं। राजा कौषिक दिनभर मनुष्य रूप में रहते थे और रात को कुक्कुट (मुर्गे) का रूप ले लेते थे। इस कारण उनकी रानी विषाला हमेषा दुःखी रहती थी। राजा के कुक्कुट रूप लेने के कारण वे रति सुख का आनंद नहीं ले पाती थीं। एक दिन…

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22/84 श्री कर्कटेश्वर महादेव

22/84 श्री कर्कटेश्वर महादेव

22/84 श्री कर्कटेश्वर महादेव : कार्कटियोनि मुक्तस्य प्राप्तं स्वर्गं सुखं यतः। कर्कटेश्वर नामायमतो लोके भविष्यति। । परिचय : श्री कर्कटेश्वर महादेव की स्थापना की कहानी राजा धर्ममूर्ति और पिछले जन्म में उनकी केकड़ा योनि से स्वर्ग प्राप्ति की महिमा से जुडी हुई है। प्रस्तुत कथा में सुकर्म एवं शिवालय का माहात्म्य दर्शाया गया है। पौराणिक आधार एवं महत्व : पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में धर्ममूर्ति नामक एक प्रतापी राजा थे। देवराज इंद्र की सहायता से…

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23/84 श्री मेघनादेश्वर महादेव

23/84 श्री मेघनादेश्वर महादेव

23/84 श्री मेघनादेश्वर महादेव : भविष्यन्ति नरा भूमौ कृतार्थास्तत्प्रभावतः। दर्शनादस्य लिङ्गस्य कामवृष्टिर्भविष्यति।। स्कन्द पुराण, त्रयोविंशोअध्यायः (श्लोक ३९) परिचय : श्री मेघनादेश्वर महादेव की स्थापना की कथा पुण्य कर्मों की महत्ता और दोषों के दुष्परिणाम की ओर इंगित करती है। राजा के दोषों एवं दुष्कर्मों के कारण ही वर्षा व्याधित हुई। पौराणिक आधार एवं महत्व : पौराणिक कथाओं के अनुसार एक समय द्वापर और कलियुग की संधि पर मदांध नमक अहंकारी राजा हुआ था। वह राजा अहंकारी व…

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24/84 श्री महालयेश्वर

24/84 श्री महालयेश्वर

24/84 श्री महालयेश्वर : एक बार पार्वती जी ने शिव जी से पूछा कि सारे संसार में चर-अचर जो दिखाई देता है ओर जो सुनाई देता है सभी आप ने उत्पन्न किया है। इसके साथ ही संपूर्ण जगत आप में ही लीन होता है। इस पर शिव ने कहा देवी पार्वती महाकाल वन में प्रलय के समय मैने यह धारण किया हुआ है। इसका नाम महालयेश्वर है। इस शिवलिंग से ब्रम्हा, विष्णु, देवी-देवता, भूत, बुद्धि,…

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25/84 श्री मुक्तेश्वर महादेव

25/84 श्री मुक्तेश्वर महादेव

25/84 श्री मुक्तेश्वर महादेव : अनेक जन्म संशुद्धा योगिनाअनुगृहान्मम। प्रविशन्तु तनुं देवी मदीयां मुक्तिदायिकाम। । परिचय : श्री मुक्तेश्वर महादेव की महिमा मुक्ति के मार्ग की ओर इंगित करती है। स्वयं तेजस्वी जितेन्द्रिय ब्राह्मण भी तेरह वर्षों की तपस्या के बाद महाकाल वन में आकर मोक्ष का मार्ग पा सके। पौराणिक आधार एवं महत्व : पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में मुक्ति नामक एक जितेन्द्रिय ब्राह्मण थे। मुक्ति की कामना से वे नित तपस्या में लीन…

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26/84 श्री सोमेश्वर महादेव

26/84 श्री सोमेश्वर महादेव

26/84 श्री सोमेश्वर महादेव : प्राचीन कथा के अनुसार दक्ष प्रजापति के श्राप के कारण चंद्रमा विलुप्त हो गये थे। चंद्रमा के विलुप्त होने से धरती पर औषधियां समाप्त होने लगी। इस पर देवताओं ने ब्रम्हा से प्रार्थना की। ब्रम्हा की आज्ञा पर समुद्र मंथन किया गया ओर एक चंद्रमा प्रकट हुआ। ब्रम्हा की आज्ञा से चंद्रमा धरती पर प्रजा का पालन करने लगा। श्राप ग्रस्त चंद्रमा ने भगवान विष्णु की आज्ञा से महाकाल वन…

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27/84 श्री अनरकेश्वर महादेव

27/84 श्री अनरकेश्वर महादेव

27/84 श्री अनरकेश्वर महादेव : प्राचीन समय में एक राजा थे निमि। अपने पुण्य कर्मो के कारण यमराज के दूत उन्हे विमान में लेकर स्वर्ग जा रहे थे। यमदूत उन्हे दक्षिण मार्ग से नरक के सामने से लेकर जा रहा था। राजा निमि ने वहां करोड़ो लोगो को अपने पापों का फल भुगतते देखा, जिससे उन्हे पीडा हो रही थी। उन्होने यमदूत से पूछा कि मुझे किस कर्म के कारण नरक देखना पडा है, दूत…

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28/84 श्री जटेश्वर महादेव

28/84 श्री जटेश्वर महादेव

28/84 श्री जटेश्वर महादेव : एषते कथितो देवि प्रभावः पापनाशनः। जटेश्वरस्य देवस्य श्रृणु रामेश्वरम शिवम्।। परिचय : श्री जटेश्वर महादेव की कथा राजा वीरधन्वा और उनके द्वारा वन में किये गए दोषों के निवारण से जुडी हुई है। प्रस्तुत कथा ऋषि-मुनियों की महत्ता दर्शाती है। मुनि द्वारा बताये गए मार्ग पर ही राजा को शांति प्राप्त हो सकी। पौराणिक आधार एवं महत्व : पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार वीरधन्वा नाम के एक राजा थे। वे धर्मस्वी,…

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29/84 श्री रामेश्वर महादेव

29/84 श्री रामेश्वर महादेव

29/84 श्री रामेश्वर महादेव : एकानेत्रिशतं विद्धि देवं रमेश्वरम प्रिये। यस्य दर्शन मात्रेण मुच्यते ब्रम्हहत्यया। । परिचय : श्री रामेश्वर महादेव की कथा महाकाल वन का महात्मय दर्शाती है। परशुरामजी ने कई तीर्थों के दर्शन एवं तप किये लेकिन उनका ब्रम्ह हत्या दोष निवारण महाकाल वन में स्थित श्री रामेश्वर महादेव के पूजन से ही हुआ। पौराणिक आधार एवं महत्व : पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार त्रेता युग में शास्त्रों को धारण करने वाले सर्वगुण संपन्न…

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