- दो जून से लगेगा महाकुंभ, करीब पांच लाख श्रद्धालु होंगे शामिल, 100 से अधिक भंडारे चलेंगे
- भस्मारती में मस्तक पर सूर्य, चन्द्र व त्रिपुंड लगाकर सजे बाबा महाकाल, अबीर गुलाल से विशेष श्रृंगार
- त्रिपुंड, ड्रायफ्रूट और चांदी के बिल्व पत्र से सजे बाबा, मंदिर में गूंजा जयश्री महाकाल
- बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल हुईं शेफाली जरीवाला, नंदी हॉल से किए दर्शन, ध्यान भी लगाया
- वैष्णव तिलक, मावे और भांग के सजे बाबा महाकाल, मस्तक पर लगाया त्रिपुंड
उज्जैन की वेधशाला में प्रदेश के स्कूली छात्र सीखेंगे खगोल का पाठ
-लोकशिक्षण संचालनालय ने जारी किया आदेश, हर स्कूल में बनेगा खगोलीय क्लब
उज्जैन। अब प्रदेश के सभी शासकीय स्कूलों के विद्यार्थी खगोलीय जानकारी से अपडेट होंगे। शासन ने प्रत्येक विद्यालय स्तर पर खगोलीय क्लब का गठन कर उनके विद्यार्थियों को उज्जैन में स्थित जीवाजी वेधशाला का भ्रमण कराए जाने के निर्देश दिए हैं। वेधशाला की स्थापना करीब तीन सौ वर्ष पहले वर्ष-1719 में महाराजा जयसिंह ने की थी। यहां प्राचीन पांच यंत्रों के अलावा तारामंडल, कार्यशील मॉडल, सीडी-शो एवं पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से खगोलीय जानकारी दी जाएगी।
खगोलीय क्लब के गठन का दायित्व संस्था प्राचार्य का होगा। यह क्लब उज्जैन की वेधशाला के सहयोग से विद्यालय स्तर पर प्रत्यक्ष खगोलीय अवलोकन, खगोलीय घटनाओं के प्रति जागरूकता एवं जिज्ञासाओं के समाधान हेतु गतिविधियों का आयोजन करेंगे। वेधशाला द्वारा निर्धारित प्रारूप पर खगोलीय क्लब का पंजीयन किया जाएगा। पंजीकृत क्लब को पूर्ण वर्ष की खगोलीय गतिविधियों, ग्रहण आदि खगोलीय जानकारी जीवाजी वेधशाला द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। ज्ञातव्य है कि प्रत्यक्ष खगोलीय जानकारी प्राप्त करने के लिए उज्जैन मध्यप्रदेश का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
चार घंटे में मिलेगी संपूर्ण खगोलीय जानकारी
वेधशाला में संपूर्ण खगोलीय जानकारी प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 4 घंटे का समय आवश्यक है। यदि रात्रि में टेलीस्कोप से आकाश अवलोकन भी किया जाना है तो उसके लिए क्लब द्वारा वेधशाला को पहले से सूचना दी जाएगी। चंद्रमा का अवलोकन प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष के 10 दिनों में ही किया जा सकेगा।