भूखों की भूख मिटा इनको मिलता है आनंद

उज्जैन. अन्नदान महादान..ये वाक्य तो अमूमन सभी ने सुना है और हर व्यक्ति अपने सामथ्र्य अनुरूप यह कार्य करता है। लेकिन शहर में कुछ संस्थाएं एेसी हैं, जो अन्नदान की अनूठी मिसाल बनी हुई है। यहां रोजाना सैकड़ों गरीब, वंचित व भूखे लोग तृप्त होते हैं। सेवा की यह खुशबू इस मायने में भी खास है कि यहां भोजन से पहले कोई किसी का परिचय या नाम नहीं पूछता। जो आए सो पाए की पद्धति पर ये भोजनशालाएं सेवा की खुशबू फैला रही है। विजयादशमी पर्व के मौके पर पत्रिका ने शहर कि कुछ एेसी ही संस्थाओं के सेवा कार्यों को देखा। शिवराज सरकार में शुरू हुई दीनदयाल रसोई योजना के बोर्ड भले ही हट गए हो, लेकिन जहां ये शुरू हुई थी। उन संस्थाओं को मौजूदा कमलनाथ सरकार भी राशन मुहैया करा रही है।

शहर में ४ स्थानों पर नियमित नि:शुल्क से लेकर १० रुपए में भरपेट स्वादिष्ट भोजन दिया जाता है। उद्देश्य यही है कि कोई भी अभाव में भूखा ना रहे और उसे भी पोष्टिक भोजन मिले। संस्थाओं से जुड़े पदाधिकारी समाज के सहयोग से इस व्यवस्था का संचालन करते हैं। यहां गरीब, बेसहारा और घर-बार से अलग रह रहे लोगों की रोज भूख मिटती है।

 

चामुंडा माता मंदिर भोजनशाला

मां छत्रेश्वरी चामुंडा माता मंदिर भक्त समिति की ओर से यह पुण्य कार्य शुरू किया गया है। रोजाना यहां २०० से २५० लोग नि:शुल्क भोजन पाते हैं। मंदिर के पीछे शेड के नीचे भोजनशाला बनाई गई है। रोज सुबह गरीब वर्ग के लोग यहां कतारबद्ध होकर भोजन पंगत में बैठते हैं। पुजारी शरद चौबे के अनुसार भक्तों व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से यह प्रकल्प शुरू किया है। ३१०० रुपए के सहयोग में हम २०० व्यक्तियों के भोजन का इंतजाम करते हैं। लोग जन्मदिन, पूर्वजों की पुण्यतिथि, विवाह वर्षगांठ व अन्य अवसरों पर इस सेवा से जुड़ते है।

 

नानाखेड़ा व जिला अस्पताल परिसर

उज्जयिनी सेवा समिति द्वारा यूं तो कई सालों से गरीब, मजदूरों को भोजन कराने की सेवा की जाती है लेकिन दीनदयाल रसोई योजना शुरू होने पर समिति इससे जुड़ी। नानाखेड़ा बस स्टैंड व जिला अस्पताल परिसर में समिति यह सेवा करती है। यहां मात्र ५ रुपए में रोटी-सब्जी दाव-चावल भरपेट मिलते हैं। जिला अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज के परिजनों के लिए यह सुविधा बेहद उत्तम है। समिति को सरकार की ओर से राशन मुहैया होता है। समिति संयोजक घनश्याम पटेल के अनुसार मौजूदा सरकार में भी हमें तो राशन संबंधी कोई परेशानी नहीं आई।

 

महावीर भोजनशाला : दूसरे शहर से आने वाले लोगों को मिलता भोजन

देवासगेट बस स्टैंड के प्रथम तल पर भोजनशाला खोली गई है। यहां प्राथमिकता आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से शहर आने वाले लोगों को है। १० रुपए में यहां भरपेट स्वादिष्ट भोजन व आरओ का पानी उपलब्ध कराया जाता है। यहां भी लोग जन्मदिन, पुण्यतिथि, विवाह वर्षगांठ आदि पर भोजन सेवा का लाभ लेते हैं, बाकी खर्च संस्था सदस्य वहन करते हैं। नियमित रूप से रोटी, सब्जी, दाल-चावल व पूर्णिमा-अमावस्या पर यहां खीर परोसी जाती है। केंद्र के अशोक भंडारी व राजेंद्र सिरोलिया अनुसार रोज १५० से २०० लोग यहां स्टील की टेबल-कुर्सी पर भोजन ग्रहण करते हैं। ३ साल में यहां करीब २ लाख लोग भोजन कर चुके हैं।

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