पौधों के करीब आने का लॉक डाउन एक सही मौका

Ujjain News: पौधे हमारे मित्र हैं, लेकिन भागदौड़ की जिंदगी में समय नहीं दे पाते

पौधों की दुनिया बड़ी ही निराली होती है, इस दुनिया में यदि कोई एक बार आ जाए, तो फिर उसे बाहर की दुनिया के रंग फीके लगते हैं। इन पौधों में समय बिताना हर कोई चाहता है, लेकिन आज की भागती-दौड़ती दुनिया में किसी के पास पौधों के साथ समय बिताने का समय ही नहीं है, फिलहाल कोरोना महामारी का प्रभाव होने से जो लॉक डाउन चल रहा है, असल में यह पौधों की दुनिया के करीब आने का सबसे सही मौका है।

13 अपै्रल को हर साल प्लांट एप्रिसिएशन डे मनाया जाता है। इस मौके पर जयसिंहपुरा निवासी मोबाइल शॉप संचालक अमित व उनकी पत्नी पूजा सक्सेना ने बताया कि हमें गार्डनिंग का बहुत शौक है। घर की छत पर बहुत सारे गमले हैं, जिनमें तरह-तरह के रंग-बिरंगे पौधे हैं। ये पौधे ऑक्सीजन तो हमें देते ही हैं, साथ ही आंखों को सुखद अहसास भी देते हैं। वर्तमान के दौर में हमें पौधे लगाने चाहिए, ताकि दुनिया वसंत ऋतु जैसा पर्व आने वाले कई वर्षों तक यूं ही मनाता रहे। देश में हरियाली बनी रहे।

 

बागवानी से अच्छा कोई शौक नहीं

बागवानी से अच्छा कोई दूसरा शौक नहीं। शिक्षिका रेखा सक्सेना ने बताया कि पौधों से हमारे आसपास का वातावरण तो शुद्ध रहता ही है, साथ ही इनके साथ हमारा समय भी अच्छे से कट जाता है। इनकी देखभाल के लिए बच्चों के समान जतन करने होते हैं, तब जाकर ये अपनी मुस्कुराहट बिखेरते हुए हमें नजर आते हैं। पौधे हमारे सबसे अच्छे मित्र होते हैं।

 

घर में ही सब्जियां और फल उगाए

अपने घर में ही सब्जियां और फल उगाए जाएं। फलों के पौधे उगाने के लिए लिए खासतौर पर मैंने बड़े-बड़े तारकोल के ड्रम लिए, 75 सेंटीमीटर चौड़े और इतने ही ऊंचे। इनमें आम, अमरूद, नीबू आदि के पौधे लगाए। फिर कुछ गमलों में और कुछ ड्रमों में फलों के पेड़ों के नीचे मौसम के अनुसार सब्जियां भी उगानी शुरू कीं। अब आलम यह है कि न सिर्फ अपने परिवार के लिए बल्कि यार-दोस्तों को भी हम अपने घर में उगे पूरी तरह ऑर्गेनिक फल और सब्जियां देते हैं।

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