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अपने शहर लौटकर आए श्रमिकों का डाटा बैस बना रहे ताकि उन्हें यहीं काम दिया जा सके
ऑनलाइन रहेगी जानकारी, कोई भी उद्यमी या व्यापारी इनमें से अपने संस्थान के लिए श्रमिक का चयन कर सकेंगे
उज्जैन. कोरोना के लॉकडाउन में राज्यों व प्रदेश के अन्य जिलों से अपने शहर लौट रहे श्रमिकों का डाटा बैस तैयार किया जाएगा। इसमें इन श्रमिकों के बारे में सभी तरह की जानकारी होगी। इसका उद्देश्य इन मजदूरों को अपने ही शहर व जिले में रोजगार उपलब्ध कराना है। यह जानकारी ऑनलाइन रहेगी। कोई भी उद्यमी या व्यापारी इनमें से अपने संस्थान के लिए श्रमिक का चयन कर सकेंगे।
जिले में विभिन्न राज्यों व प्रदेश के विभिन्न जिलों से अब तक 16897 मजदूर लौटे हैं। यह वह संख्या है, जो शासन द्वारा दी गई सुविधा से घर आए हैं। इनमें उन श्रमिकों की संख्या शामिल नहीं है, जो स्वयं किसी तरह घर लौट आए। इन सब मजदूरों का डाटा बैस बनाने की पहल लघु उद्योग भारती ने की है। संस्था ने इन श्रमिकों व कर्मचारी की जानकारी लेने के लिए एक जानकारी पत्र तैयार किया है। इसमें उनको अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, उम्र, अनुभव, अन्य योग्यता, अपेक्षित वेतन के साथ अन्य जानकारी भी दर्ज करना होगी। यह जानकारी पत्र ऑनलाइन भी भरा जा सकेगा और सोशल मीडिया के माध्यम से भी संस्था को जमा कर सकेंगे।
इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए क्यूआर कोड भी बनाया गया है। लघु उद्योग भारती के अतीत अग्रवाल के अनुसार कोशिश की जाएगी कि अधिकतम श्रमिकों व कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा सके। इसके लिए सोशल मीडिया और अन्य तरीके से भी प्रचार किया जाएगा। श्रमिक संगठनों के माध्यम से भी जानकारी जुटाई जाएगी। इसके लिए वेबसाइट तैयार की गई है। वेबसाइट पर इनकी जानकारी ऑनलाइन रहेगी। कोई भी उद्यमी या व्यापारी वेबसाइट से इन श्रमिकों व कर्मचारियों के बारे में जानकारी लेकर संपर्क कर सकेगा। इसे श्रमिकों के लिए भी उपयोगी बनाया जाएगा। इस योजना के संचालन के लिए नीलेश चंदन, सुनील भावसार, राजेश गर्ग, सुनील पीठवे, अखिलेश नागर व बृजेश शिवहरे को जिम्मेदारी दी गई है।
इस वेबसाइट पर दे सकते हैं जानकारी
अग्रवाल के अनुसार श्रमिक और कर्मचारी अपनी जानकारी वेबसाइट LUBUJJIN@GMAIL.COM पर दे सकते हैं। इस वेबसाइट पर उद्यमी और व्यापारी भी अपनी डिमांड डाल सकते हैं। इससे दोनों पक्षों के बीच संपर्क में आसानी होगी।
सबसे ज्यादा श्रमिक राजस्थान से आए
जिले में सबसे ज्यादा श्रमिक राजस्थान से लौटे हैं। राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में काम करने वाले 6077 मजदूरों की वापसी हुई है। गुजरात से 354 श्रमिक आए हैं। 25 मार्च से अब तक 16897 श्रमिक लौट आए हैं। बिना सरकारी सुविधा से घर लौटे श्रमिकों की संख्या भी 5 हजार मानी जा रही है।
रोजगार गारंटी योजना में जिले के 1750 काम चालू, 22 हजार मजदूरों को काम
जिला पंचायत द्वारा मनरेगा यानी रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में 1750 काम चल रहे हैं। इनमें 22 हजार मजदूरों को काम मिला है। सीईओ अंकित अस्थाना जनपदों के अधिकारियों की बैठक लेकर हर गांव में मनरेगा के काम चालू करने के लिए चर्चा कर रहे हैं। इनमें सड़क, कुएं, तालाब, पीएम आवास, जल संग्रहण के काम प्रमुख हैं। एसीईओ राजेश साक्य कहते हैं पहली बार मनरेगा में इतनी बड़ी संख्या में श्रमिकों को काम दिया जा रहा है। बाहर से लौटे श्रमिकों को इससे फायदा होगा।