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स्मार्ट सिटी की कंपनी का गठन, 15 दिन में काम शुरू होगा
स्मार्ट सिटी का कामकाज अब 15 दिन के भीतर शुरू होने की संभावना है। स्मार्ट सिटी का क्रियान्वयन करने के लिए नगर निगम की कंपनी एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हीकल) का बुधवार को गठन हो गया।
इसमें कलेक्टर संकेत भोंडवे अध्यक्ष और निगमायुक्त आशीष सिंह कार्यकारी निदेशक हैं। सीईओ अवधेश शर्मा के अलावा यूडीए, एमपीईबी, पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन, पीएचई व अन्य विभागों के प्रमुख अधिकारी संचालक बनाए गए हैं। दो प्रतिनिधि राज्य सरकार के हैं तथा दो प्रतिनिधि महापौर के होंगे जिनका मनोनयन कंपनी की पहली बैठक में होगा। कंपनी के गठन को केंद्र से बुधवार को मंजूरी मिल गई है। अब कंपनी का बैंक खाता खोला जाएगा जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अनुदान राशि (200 करोड़ रु.) जमा होगी। इसके बाद कंपनी योजनाओं की डीपीआर बनाकर टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कर देगी। इसमें करीब 15 दिन लगने की संभावना है। नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह के अनुसार स्मार्ट सिटी मिशन में शहर का चयन होने के बाद कंपनी के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। बुधवार को केंद्र से कंपनी को मंजूरी मिल जाने से अब काम-काज शुरू करने का रास्ता खुल गया है। एक दो दिन में बैंक खाता खोल देंगे। खाते में केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली राशि जमा होने के बाद स्मार्ट सिटी का काम शुरू हो जाएगा। काम शुरू करने के पहले कंपनी की मीटिंग बुलाई जाएगी, जिसमें योजनाओं पर मंथन कर निर्णय लेंगे। बैठक की तारीख जल्दी तय करेंगे।
2318
करोड़ की योजना प्रस्तुत।
300
करोड़ धार्मिक व सांस्कृतिक केंद्र के लिए।
767
करोड़ रुपए जनसुविधाओं के लिए।
666
करोड़ रुपए नॉलेज व इकोनॉमी हब के लिए।
महाकाल मंदिर के आसपास के इलाके में पर्यटन सुविधाएं बढ़ाएंगे। रुद्रसागर के आसपास पर्यटकों के लिए कॉटेज बनेंगे। महाकाल क्षेत्र व शहर में मल्टी लेवल पार्किंग बनेंगे। लालपुल क्षेत्र में योग एवं ध्यान केंद्र बनाया जाएगा। देवासगेट बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन क्षेत्र को विकसित कर बस टर्मिनल और कॉम्पलेक्स बनेगा। आगररोड क्षेत्र में स्थित मिलों की जमीन पर आवासीय योजना, हास्पिटल, व्यापार केंद्र बनाएंगे। शहर में 24 घंटे बिजली, पेयजल की व्यवस्था होगी। स्मार्ट स्ट्रीट लाइट लगेगी, जो समय पर चालू और बंद होगी।
योजनाएं : जिनका शहर को मिलेगा फायदा
2318 करोड़ की योजना प्रस्तुत
नगर निगम ने स्मार्ट सिटी में 2318 करोड़ की योजना प्रस्तुत की है। जिसे केंद्र सरकार ने मंजूरी देते हुए उज्जैन को स्मार्ट सिटी शहरों की सूची में शामिल कर लिया है। निगम को अब एसपीवी बना कर योजना पर काम शुरू करना है। इसके लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर डीपीआर बनाईं जाएंगी।
ऐसे काम करेगी कंपनी
कंपनी की पहली बैठक में गठन की घोषणा के साथ काम शुरू होगा।
बैठक में स्मार्ट सिटी की योजनाएं प्रस्तुत होंगी।
कंपनी की बैठक में योजनाओं पर मंथन कर मंजूरी दी जाएगी।
मंजूर योजनाओं की डीपीआर बना कर टेंडर निकाले जाएंगे।
टेंडर को मंजूरी कंपनी देगी, इसके बाद ठेकेदार काम शुरु करेंगे।
पैसा बैंक खाते में जमा होगा और भुगतान किया जाएगा।