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उज्जैन:मरीज का पिता अपने बयान पर कायम सिविल सर्जन ने 6 लोगों के बयान लिए
उज्जैन।जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को अस्पताल प्रबंधन की ओर से चाय-नाश्ते के साथ भोजन उपलब्ध कराया जाता है। रविवार को हड्डी वार्ड में भर्ती मरीज के पिता ने मरीज को मिले खाने की दाल में इल्ली होने की शिकायत की। डॉक्टर ने इसकी पुष्टि की, जिसके बाद सिविल सर्जन ने दाल जब्त कर पंचनामा बनाया और जांच के लिये खाद्य विभाग को भेज दिया है।
जिला चिकित्सालय के डॉक्टर व अन्य स्टाफ की देखरेख में शासन की गाइड लाइन के अनुसार अस्पताल में भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन व चाय-नाश्ता उपलब्ध कराया जाता है। इसके उपयोग में आने वाली सामग्री ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से खरीदी जाती है। अस्पताल में भर्ती मरीजों की गिनती करने के बाद भोजनशाला में 13 लोगों के स्टाफ द्वारा भोजन तैयार किया जाता है। सुबह चाय, बिस्किट नाश्ते में और दोपहर में दाल, सब्जी व रोटी दी जाती है, जबकि चरक अस्पताल में भर्ती प्रसूताओं को फल व लड्डू अलग से दिया जाता है।
मेरा बेटा हड्डी वार्ड में भर्ती था, उसको मिले खाने की दाल में इल्ली थी
बेटे प्रवीण को हाथ में फ्रेक्चर की वजह से हड्डी वार्ड में भर्ती किया था, लेकिन भोजन घर का ही करते थे। पास में भर्ती मरीज ने बताया था कि दाल में इल्ली आती है इसलिये खाना नहीं लेते थे। 19 दिसंबर को बेटे का उपचार पूरा हुआ। उसे डिस्चार्ज किया जाना था। तभी खाने की थाली आई उसमें प्रवीण ने दाल में इल्ली देखी थी। मुझे कम दिखाई देता है। मैं पूर्व में जनपद सदस्य रह चुका हूं और अस्पताल में 3 वर्ष तक वार्ड बाय की नौकरी भी की है। दाल में इल्ली मिलने की शिकायत वार्ड में मौजूद डॉक्टर मरमट से की तो उन्होंने भी इसकी पुष्टि की थी। नारायण बोड़ाना, शिकायतकर्ता
मामले को लेकर किसने क्या कहा…
भर्ती मरीजों की गिनती के बाद उसी मान से भोजन तैयार किया जाता है। दाल, सब्जियों को धोकर उपयोग में लिया जाता है। मूंग की दाल में इल्ली निकलने की बात सही प्रतीत नहीं होती है। अधिकारियों द्वारा इसकी जांच की जा रही है।-धूलजी प्रजापत,कुक
हड्डी वार्ड में भर्ती मरीज प्रवीण पिता नारायण निवासी रूपाहेड़ा घट्टिया के पिता ने दाल में इल्ली निकलने की शिकायत की थी, जिसकी पुष्टि हड्डी वार्ड के डॉ. मरमट ने की। दाल को जब्त कर खाद्य विभाग को जांच के लिये भेजा गया है।-डॉ. विक्रम रघुवंशी, प्रभारी भोजनशाला
अब तक डॉक्टर मरमट सहित 6 लोगों की बयान लिये जा चुके हैं, दाल का सैंपल भी जांच के लिये भेज चुके हैं। जिला चिकित्सालय की भोजनशाला में गड़बड़ी की शिकायत की पुष्टि होती है तो आगे की कार्यवाही की जायेगी।-डॉ. पी.एन. वर्मा, सिविल सर्जन
कहीं मामला वर्चस्व की लड़ाई का तो नहीं
जिला चिकित्सालय सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में सिविल सर्जन पद को लेकर डॉक्टरों के बीच गुटबाजी चल रही है। कुछ समय पहले तक डॉक्टर मरमट सिविल सर्जन थे, लेकिन शिकायतों के कारण उन्हें पद से हटाकर डॉ. वर्मा को सिविल सर्जन बना दिया गया। हालांकि डॉ. मरमट के पहले भी सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ही थे। दोनों सीनीयर डॉक्टरों के बीच सिविल सर्जन का पद झूल रहा है और वर्तमान में अस्पताल के डॉक्टर भी दो गुट में बंट चुके हैं। दाल में इल्ली की शिकायत के बाद उसी दिन मरीज को डिस्चार्ज करना भी संदिग्ध नजर आ रहा है क्योंकि अस्पताल के रजिस्टर में मरीज को 19 दिसम्बर को डिस्चार्ज करने की इंट्री थी जबकि शिकायत 20 दिसम्बर को हुई। अक्षर विश्व की टीम ने जब इस ओर वार्ड की नर्स को ध्यान कराया तो उन्होंने 19 दिसम्बर पर ओवर राइटिंग कर 20 दिसम्बर कर दिया।