कांग्रेस का फार्मूला ‘समर्थन पत्र’ फेल:पार्षद पद के टिकट के लिए अंतिम तिथि पर 250 में से 60 के ही फार्म जमा

पार्षद पद के टिकट के लिए कार्यकर्ताओं का समर्थन पत्र प्रस्तुत करने की अनिवार्यता में दावेदार उलझ गए हैं। इससे अंतिम तिथि होने के बाद भी रविवार को 200 से अधिक दावेदार फार्म जमा नहीं कर पाएं।

प्रवक्ता विवेक साेनी ने बताया पार्षद पद के लिए कार्यालय से लगभग 275 आवेदन 30 जनवरी तक लिए गए थे। रविवार काे आवेदन जमा करने की अंतिम तारीख थी। मगर शाम 6 बजे तक बमुश्किल 60 आवेदन ही जमा हुए है। जिन दावेदाराें के फार्म जमा नहीं हुए है, उनके फार्म लेने के लिए जल्द तिथि घाेषित की जाएगी। गौरतलब है कि स्थानीय संगठन ने पार्षद का चुनाव लड़ने के लिए वार्ड के 50 कांग्रेस परिवारों का समर्थन पत्र की अनिवार्यता तय की है।

परेशानी यह है कि शहर के 54 वार्डों में से कई वार्ड ऐसे भी है। जहां 5 से अधिक कांग्रेसी पार्षद के टिकट पर दावा जता रहे है। ऐसे में कांग्रेसी पसोपेश में हैं कि किसके हक में अपना समर्थन दें। यहीं स्थिति महापौर पद के दावेदारों के लिए भी है। इस पद के दावेदारों को प्रत्येक वार्ड से 50 कांग्रेसी परिवार यानि की 2700 समर्थन पत्र जुटाने की चुनौती है। हालांकि महापौर पद का फार्म जमा करने की अंतिम तिथि 5 फरवरी है। रविवार तक इस पद के लिए 5 आवेदन जमा हो चुके थे। इसमें बाबूलाल चौहान, कैलाश नागवंशी आदि के नाम शामिल हैं।

 

रास नहीं आ रहा नियम

गौरतलब है कि समर्थन पत्र की अनिवार्यता को लेेकर कांग्रेस नेताओं में ही विरोधाभास है। तराना विधायक महेश परमार इस व्यवस्था पर पहले ही सवाल उठाकर यहां तक कह चुके हैं कि स्थानीय संगठन के मुखिया को नियम बनाने का कोई अधिकार नहीं, आलाकमान जो तय करेगा उस निर्णय को ही माना जाएगा।

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