आरटीओ में 11 बजे बाद ही आते कर्मचारी और अफसर

सीधी हादसे के बाद बाबुओं की भी ड्यूटी लगा दी वाहन जांच के लिए, दफ्तर के लोग काटते रहते हैं चक्कर

उज्जैन।अभी दिन के 11 बजे हैं। जिला परिवहन कार्यालय के कई दफ्तर बंद पड़े हैं। हालांकि, सफाईकर्मी खुले कक्ष की सफाई कर बंद तालों के खुलने का इंतजार कर रहा है। कार्यालय के प्रथम तल पर लर्निंग टेस्ट एवं फोटो शाखा का दफ्तर है, जहां नए ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का फार्म जमा होता है, लेकिन आवेदन लेने वाले बाबू गायब हैं। वहीं कार्यालय के कई दफ्तर सुबह 11 बजे तक नहीं खुले है। लोग विभाग को कोसते हुए बाबू का इंतजार करने पर विवश हैं।

इसी प्रकार द्वितीय तल पर लाइसेंस नवीनीकरण शाखा, पुराने पंजीयन शाखा के दफ्तरों में भी बाबुओं का पता नहीं है। बाबुओं के इसी रवैए के कारण लोग दलाल के मार्फत काम कराते है। कार्यालय के मुख्यभवन में बाहर बनी खिड़कियां भी निर्धारित समय पर नहीं खुलती है। इसमें यात्री बस स्थाई परमिट शाखा, यात्री बस अस्थाई परमिट शाखा, ऑटो रिक्शा/मैजिक परमिट शाखा की खिड़कियां शामिल है। इस कारण आम लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। हालांकि अब तक ठेकेदार के कई कर्मचारी कार्यालय पहुंच चुके हैं। लेकिन किसी भी सरकारी बाबुओं ने अपनी कुर्सी नहीं संभाली है।

दलालों का बोलबाला, आज महिदपुर-तराना में जांच
गाडिय़ों के फिटनेस से लेकर हर काम दलालों की मिलीभगत से हो रहे है। सबकुछ कमीशन के रूप में तय है। अलग-अलग काम कराने के लिए अलग-अलग रेट फिक्स है। आरटीओ का अफसर और कर्मचारी गुरुवार को तराना और महिदपुर में वाहनों की जांच के लिए गए है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करेंगे।

नए नियमों से आसान हुई प्रक्रिया

देश में आरटीओ के नए नियम की वजह से लाइसेंस बनवाया आसान हो गया है। आरटीओ की वेबसाइट पर स्लॉट बुक कराने के बाद शुल्क करा सकते हैं। आवेदक अपनी सुविधा के मुताबिक परीक्षा की तारीख तय कर सकता है। वेवसाइट पर ही फीस जमा करा सकता है। परन्तु उज्जैन में इसके मुताबिक काम नहीं हो रहा है।

इनका कहना है

इस समय जिले में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा, जिसके कारण कुछ अधिकारी फील्ड पर रहते है। इसी वजह से वह कार्यालय लेट पहुचं रहे है।-

संतोष मालवीय, आरटीओ उज्जैन

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